प्रकाश पर्व के रूप में मनायी गुरुनानक देव की जयंती

लोगों ने गुरुद्वारा में टेका माथा, लंगर में प्रसाद किया ग्रहण

By PRAPHULL BHARTI | November 5, 2025 7:52 PM

फारबिसगंज. कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को फारबिसगंज शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में गुरु नानक देव जी का 557 वां प्रकाश पर्व श्रद्धापूर्वक मनाई गयी. लोगों ने गुरुद्वारा साहिब पहुंच कर अपना माथा टेका. गुरुनानक देव जी के जयंती प्रकाश पर्व के अवसर पर शहर के वार्ड संख्या 08 राम मनोहर लोहिया पथ पुरानी बस स्टैंड रोड में अवस्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा मे अखंड पाठ, शबद कीर्तन, गुरुनानक देव के उपदेशों व पाठ का आयोजन किया गया. मौके पर गुरुद्वारा साहिब में निशान साहिब की सेवा सत संगतों के द्वारा की गयी. इस अवसर पर पटना साहिब से आये रागी जत्था के द्वारा अखंड पाठ, शबद कीर्तन, गुरुवाणी के पाठ किया गया. भजन कीर्तन प्रस्तुत किया गया. गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथि ज्ञानी प्रदीप सिंह बेदी के अगुवाई में विगत 03 नंवबर से श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की अखंड पाठ किया गया. जिसका समापन 05 नवंबर बुधवार को शबद कीर्तन अरदास के साथ किया गया. श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु सिंह सभा पहुंच कर माथा टेकने व शबद कीर्तन व गुरु वाणी के पाठ को सुनने के बाद लंगर में प्रसाद ग्रहण किया. गुरुनानक देव जी की जयंती प्रकाश उत्सव के अवसर पर युवाओं व बच्चों में भी काफी उत्साह दिखा. मौके पर प्रधान प्रीतपाल सिंह, उपाध्यक्ष सरदार तेजेंद्र सिंह उर्फ काके सिंह, कोषाध्यक्ष अमनदीप सिंह, गुरुपाल सिंह, रौनक सिंह, ज्ञानी भगवान, नरेंद्र सिंह ज्ञानी, रंजीत सिंह, गुरुदेव सिंह, रंजीत कौर, लक्ष्मण सिंह, विकास झा, सुशील कुमार,किशन सिंह,नगर पार्षद रॉकी कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.

प्रकाश पर्व पर लंगर का आयोजन

कुर्साकांटा. प्रखंड मुख्यालय स्थित वाल्मीकि सिंह के निवास पर बुधवार को गुरु नानक जयंती को प्रकाश उत्सव के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर सिख समुदाय के श्रद्धालुओं ने लंगर का आयोजन किया गया. गुरु नानक जयंती के अवसर पर सिख धर्म के संतों ने महान विभूति गुरु नानक के व्यक्तित्व व कृतित्व को लेकर उनकी सिख धर्म को लेकर विस्तृत चर्चा की. गुरु नानक जयंती पर आयोजित लंगर में प्रखंड क्षेत्र के हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने लंगर ग्रहण किया. आयोजक समिति के वाल्मीकि सिंह, कुआड़ी निवासी विश्वजीत सिंह ने बताया कि सिख परंपरा को जीवंत रखने, सिख परंपरा को विश्व पटल ने फैलाने को लेकर उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता. मौके पर सरदार रवींद्र सिंह, गुरजीत सिंह, वाल्मीकि सिंह, बिरेंद्र सिंह, आनंद सिंह, जितेंद्र सिंह, राजेश सिंह, सुभाष साह, अंबिका शरण राय, मनोज साह, गुलाब सिंह, शरण सिंह, रिंपा सिंह, योगा सिंह, बबलू सिंह, कर्नल सिंह, मिट्ठू सिंह, अल्ताफ आलम सहित अन्य लोग मौजूद थे.4

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