Agriculture News: आम और लीची पर पड़ा गर्मी का प्रकोप, किसान मायूस, लोगों की जेब पर पड़ेगा बुरा असर

Agriculture News: साल 2022 के मुकाबले इस साल गर्मी जल्दी आ गई है. मार्च की शुरुआत में ही लोग गर्मी से परेशान है. आम लोग इस वजह से काफी परेशान है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों के चेहरे भी मायूस है. गर्मी से आम और लीची की फसल पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 3, 2023 12:44 PM

Agriculture News: साल 2022 के मुकाबले इस साल गर्मी जल्दी आ गई है. मार्च की शुरुआत में ही लोग गर्मी से परेशान है. आम लोग इस वजह से काफी परेशान है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों के चेहरे भी मायूस है. गर्मी से आम और लीची की फसल पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है. पेड़ के पत्ते सूखने लगे है. बताया जा रहा है कि बारिश नहीं होने के कारण फसलों पर इसका प्रभाव पड़ना तय है. वहीं अभी से ही आगे आने वाले दिनों का अंदाजा लगाया जा सकता है. रबी की पैदावार संकट में है. पेड़ में कीड़े भी लग रहे है. लेकिन कीड़ों के साथ ही फसलों को गर्मी की मार भी झेलनी पड़ रही है.

गर्मी कहर बनकर टूटा

इस बार ठंड में बारिश नहीं के बराबर हुई है. मसूर, मटर से लेकर तीसी जैसे रबी फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इसके बाद आम और लीची के पेड़ों पर भी गर्मी कहर बनकर टूटा है. किसानों का हाल बेहाल है. वहीं फसलों का नुकसान तो दिख ही रहा है. इसके बाद अब इसे लोगों की जेब से भी जोड़कर देखा जा रहा है. महंगाई से लोग पहले से ही परेशान है. आपको बता दें कि आम को फलों का राजा कहा जाता है. यह कई लोगों का पसंदीदा फल है, तो वहीं लीची भी कई लोगों को प्रिय है. कई लोग तो ऐसे है, जो इन फलों का पूरे साल इंतजार करते है. यह एक बहुत ही खास बात है कि गर्मी के कारण भी पेड़ों में कई कीड़े लगते है.गर्मी में इजाफा होने की वजह से लीची की पतियों में माइंटस के कीड़े लग रहे है.

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मंजर से लदा आम का पेड़

आम के पेड़ों में मंजर देखकर ही सभी खुश है. आम की फसल में खूब मंजर आए है.लेकिन गर्मी का मंजरों पर भी प्रभाव पड़ रहा है. वहीं मधुआ रोग का प्रकोप भी मंजर पर दिखने लगा है. पेड़ों में लगे मंजर लगातार झड़ रहे है. गौरतलब है कि कीड़ों से बचने के लिए कीटनाशक का छिड़काव काफी जरूरी है. कीटनाशक का छिड़काव करके पेड़ों की कीड़ों से रक्षा की जा सकती है. वहीं पेड़ों को दीमक का भी खतरा रहता है, जिससे बचाने के लिए पेड़ की तना में जमीन से करीब एक मीटर ऊपर चूना से रंगने के बाद कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है. साथ ही पेड़ की जड़ों के पास छोड़ी मिट्टी की खुदाई करना भी फसल के लिए काफी फायदेमंद है. कीटों को लेकर वैज्ञानिकों ने किसानों से बागों को साफ-सुथरा रखने की सलाह दी है. गौरतलब है कि रासायनिक प्रबंधन के लिए इमिडाक्लोप्रिड कीटनाशक व साफ फफुंदनाशी है. इन दोनों को मिलाकर तीन छिड़काव करने साथ ही एट, डाइथेम-45 व माइक्रो नामक दवा का 2.0 एमएल प्रतिलीटर पानी की दर से छिड़काव करने से लाभ होगा. हालांकि, दवा उपयोग करने से पहले मंजर की स्थिति पर वैज्ञानिकों से विमर्श जरूरी है. दूसरी ओर लीची के अच्छे उत्पादन के लिए नमी का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है.

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