Watch: भारतीय खिलाड़ी NRI बनते जा रहे हैं… साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार पर भड़के संजय मांजरेकर
Sanjay Manjrekar got Angry: पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भारतीय बल्लेबाजों की घरेलू पिच पर कमजोर तैयारी और विदेशी दौरों में ज्यादा खेलने की आदत पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि फुटवर्क, डिफेंस और स्ट्राइक रोटेशन जैसी स्किल्स सुधारना जरूरी है. मांजरेकर का मानना है कि अगली टेस्ट सीरीज से पहले घरेलू मैचों पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण होगा.
Sanjay Manjrekar got Angry: भारत और दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को 0-2 से हार का सामना करना पड़ा. यह भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद निराशाजनक रहा. इस हार के बाद कई पूर्व क्रिकेटरों ने टीम के प्रदर्शन पर अपनी चिंता जताई. इनमें संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) का नाम प्रमुख है. उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों की तैयारी और तकनीक को लेकर सख्त बयान दिया है. उनका मानना है कि भारतीय बल्लेबाज विदेशी दौरों पर ज्यादा ध्यान देने के कारण घरेलू परिस्थितियों में खेलने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं होते.
भारतीय बल्लेबाजों की तैयारी पर सवाल
संजय मांजरेकर का कहना है कि भारतीय खिलाड़ियों का घरेलू क्रिकेट में अनुभव सीमित हो गया है. टीम में चुने जाने के बाद वे घरेलू मैच और फर्स्ट क्लास क्रिकेट लगभग नहीं खेलते. ज्यादातर समय वे विदेशी दौरों में रहते हैं. इससे उन्हें घरेलू पिचों और स्पिन गेंदबाजी के अनुभव की कमी हो जाती है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल, केएल राहुल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी पिछले दो साल में ज्यादातर मैच विदेशों में खेलते रहे हैं. जबकि भारत में उन्हें उतनी मौके नहीं मिले.
घरेलू पिचों पर असफलता
भारत ने सीरीज के चार पारियों में एक बार भी 250 रन का आंकड़ा पार नहीं किया. केवल एक ही बल्लेबाज ने अर्धशतक बनाया. मांजरेकर का मानना है कि इसका मुख्य कारण तैयारी की कमी है. उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ी घरेलू फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में अच्छा खेलते हैं, लेकिन टीम में चुने जाने के बाद घरेलू मैच छोड़ देते हैं. यही वजह है कि जब वे भारत में खेलते हैं, तो पिच और परिस्थितियों से अनजान नजर आते हैं.
बल्लेबाजी तकनीक में सुधार की जरूरत
मांजरेकर ने तकनीक पर भी अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि विदेशी पिचों पर तेज गेंदबाजों के सामने आक्रामक खेल काम कर जाता है. लेकिन धीमी और स्पिन वाली पिचों पर स्टैंड एंड डिलीवर जैसे खेल से काम नहीं चलता. उनके अनुसार टर्निंग ट्रैक पर सफलता पाने के लिए फुटवर्क, डिफेंस और स्ट्राइक रोटेशन जैसी स्किल जरूरी है. केवल आक्रामक खेल से बल्लेबाज सफलता नहीं पा सकते.
विदेशी दौरों का दबाव
पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने यह भी बताया कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमें भारत को बार-बार आमंत्रित करती हैं. इसका कारण है कि भारतीय टीम विदेशी दौरों से सबसे ज्यादा राजस्व कमाती है. इस वजह से भारतीय खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने का पर्याप्त मौका नहीं मिलता. उन्हें विदेशी दौरे में ज्यादा समय बिताना पड़ता है, जिससे घरेलू पिचों पर खेल का अनुभव कम होता है.
भारत की अगली टेस्ट सीरीज
भारत अगले आठ महीने तक कोई टेस्ट मैच नहीं खेलेगा. टीम का अगला रेड-बॉल मुकाबला अगस्त 2026 में श्रीलंका के खिलाफ होना है. यह समय टीम के लिए घरेलू क्रिकेट में अभ्यास और तैयारी करने का अच्छा मौका हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि खिलाड़ी घरेलू मैचों में अच्छा खेलेंगे और तकनीक सुधारेंगे तो भविष्य में विदेशी पिचों पर भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें-
Viral Video: ये क्या हुआ… 13 गेंद और 3 रन बचे लेकिन मैच रद्द, अंपायर के इस फैसले से सभी हैरान
