Happy Krishna Janmashtami 2025: लक्ष्मण से लेकर रैना तक दिग्गजों ने दी जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

Happy Krishna Janmashtami 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवरस पर क्रिकेट जगत के कई दिग्गजों और आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने सोशल मीडिया पर सभी देशवासियों के लिए शुभकामनाएं दी. इस भव्य त्योहार पर मथुरा-वृंदावन में सज-धज कर भव्य उत्सव मनाया जा रहा है.

By Aditya Kumar Varshney | August 16, 2025 3:39 PM

Happy Krishna Janmashtami 2025: प्रभू श्री कृष्ण का इस संसार में आने का दिन है. जन्माष्टमी. यानी भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन श्री कृष्ण ने धरती पर अवतार लिया. इसीलिए आज की तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी के रुप में मनाया जाता है. 

देशभर में शनिवार यानी 16 अगस्त को को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है. इस खास अवसर पर भारतीय क्रिकेट जगत के कई पूर्व दिग्गजों के साथ-साथ आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने भी सोशल मीडिया पर लोगों को शुभकामनाएं दीं. जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन पूरे देश में भक्ति और उल्लास का माहौल रहता है.

सोशल मीडिया पर दिग्गजों की शुभकामनाएं

VVS Laxman (वी वी एस लक्ष्मण)

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने एक्स  यानी ट्विटर पर लिखा “आप और आपके परिवार को जन्माष्टमी की ढेरों शुभकामनाएं. भगवान श्रीकृष्ण आपके जीवन को प्रेम, आनंद और समृद्धि से भर दें.”

Jay Shah (जय शाह)

इसके अलावा पूर्व बीसीसीआई सचिव और आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने भी इस अवसर पर लिखा “भगवान कृष्ण की शिक्षाएं हमें उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने, करुणा से नेतृत्व करने और ईमानदारी से आचरण करने की प्रेरणा दें. आप और आपके परिवार को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं.”

Suresh Raina (सुरेश रैना)

इसी तरह भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी और पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने एक्स पर लिखा, “जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं! भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद आपके जीवन में प्रेम, आनंद और सामंजस्य लाए.” और अंत में पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने भी पोस्ट किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, “आपको जन्माष्टमी की ढेरों बधाई. जय श्री राधे कृष्णा.”

जन्माष्टमी का खास महत्व मथुरा और वृंदावन में होता है. मथुरा को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि और वृंदावन को उनकी बाल लीलाओं की धरती माना जाता है. इन स्थानों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर दर्शन और पूजा-अर्चना करते हैं.

मंदिरों को फूलों और झूमरों से सजाया गया, वहीं भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को रंग-बिरंगे वस्त्र और आभूषण पहनाए गए. रात 12 बजे विशेष अभिषेक अनुष्ठान किया गया, जिसमें भगवान को दूध, दही, शहद, घी और जल से स्नान कराया गया. इस दौरान शंखनाद और वैदिक मंत्रों से पूरा वातावरण गूंज उठा. पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया.

देश के कई हिस्सों में दही हांडी का आयोजन भी किया गया. इसे गोपालकाला या उटलोत्सव भी कहा जाता है. इस परंपरा में युवा मानव पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर टंगी दही-हांडी फोड़ते हैं. यह भगवान कृष्ण के ‘माखन चोर’ रूप की याद दिलाता है, जब वे बचपन में अपने दोस्तों के साथ मक्खन चुराया करते थे.

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