BCCI का बड़ा फैसला, गंभीर चोट पर मिलेगा सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी, जानें नया नियम
BCCI Big Decision: BCCI ने घरेलू क्रिकेट 2025-26 के लिए नया नियम लागू किया है. अब मल्टी-डे मैचों में गंभीर चोट लगने पर टीम को मिलेगा 'सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट'. गौतम गंभीर ने फैसले का स्वागत किया, जबकि बेन स्टोक्स ने बताया बेकार. जानें नियम और बाकी बदलाव.
BCCI Big Decision: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने घरेलू सीजन 2025-26 के लिए खेल नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब अगर किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान गंभीर चोट लगती है, तो टीम को उस खिलाड़ी की जगह ‘सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट’ मिल सकेगा. यानी चोटिल खिलाड़ी की जगह कोई नॉमिनेटेड सब्स्टीट्यूट मैदान पर आकर खेल सकेगा. यह नियम खासकर बहु-दिवसीय क्रिकेट (मल्टी-डे मैचों) के लिए लागू होगा, जबकि वनडे और टी20 जैसे फॉर्मेट में फिलहाल इसकी अनुमति नहीं होगी.
इस नियम को लेकर क्रिकेट जगत में अलग-अलग राय सामने आई हैं. भारत के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने इसे सही बताया है, जबकि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स इसे पूरी तरह “बेकार” मानते हैं.
गंभीर चोट पर सब्स्टीट्यूट की अनुमति
नए नियम के मुताबिक, अगर कोई खिलाड़ी खेलते समय मैदान पर गंभीर चोट का शिकार होता है- जैसे हड्डी टूटना, गहरी चोट या कंधा डिस्लोकेट होना तो उसकी जगह टीम मैनेजमेंट ‘इंजरी रिप्लेसमेंट’ की मांग कर सकती है.
- यह रिप्लेसमेंट लाइक-फॉर-लाइक होगा, यानी बल्लेबाज की जगह बल्लेबाज या गेंदबाज की जगह गेंदबाज ही आएगा.
- यह खिलाड़ी उन्हीं नॉमिनेटेड सब्स्टीट्यूट्स में से चुना जाएगा, जिन्हें टॉस से पहले टीम ने घोषित किया हो.
- विकेटकीपर की चोट के मामले में, अगर स्क्वाड में कोई दूसरा विकेटकीपर नहीं है, तो मैच रेफरी टीम को बाहर से कीपर बुलाने की इजाज़त दे सकते हैं.
सबसे अहम बात यह है कि मैच रेफरी का फैसला अंतिम होगा और उस पर अपील नहीं की जा सकेगी.
🚨 NEW RULE 🚨
— Cricbuzz (@cricbuzz) August 16, 2025
BCCI introduces 'Serious Injury Replacement' rule for 2025-26 season in multi-day formats, allowing a like-for-like replacement – somewhat similar to concussion replacement – in case of a major injury to any player.#CricketTwitter pic.twitter.com/C9WGOEHyh9
विवाद: स्टोक्स बोले “बेकार”, गंभीर बोले “जरूरी”
इस नियम पर क्रिकेटरों की राय बंटी हुई है.
- इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स का मानना है कि यह नियम खेल के संतुलन को बिगाड़ देगा. उनके मुताबिक, “आप एक बार 11 खिलाड़ियों का चयन कर लेते हैं, तो चोट भी खेल का हिस्सा है. कॉन्कशन (सिर की चोट) रिप्लेसमेंट समझ में आता है, लेकिन हर चोट पर सब्स्टीट्यूट देना बिल्कुल गलत है.”
- वहीं भारत के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर का कहना है कि यह नियम ज़रूरी है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर कोई खिलाड़ी मैदान पर बुरी तरह चोटिल हो जाता है और टीम को 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता है, तो यह नाइंसाफी होगी.”
दरअसल, हाल ही में भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज में ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स गंभीर चोटिल हो गए थे. दोनों खिलाड़ियों ने दर्द के बावजूद थोड़ी देर बल्लेबाज़ी की, लेकिन पूरी तरह से मैच में भाग नहीं ले पाए. इसी घटना के बाद इस नियम की मांग तेज़ हुई थी.
नियमों में अन्य बदलाव
BCCI ने इस सीजन के लिए सिर्फ इंजरी रिप्लेसमेंट ही नहीं, बल्कि दो और अहम बदलाव किए हैं.
- डिलिबरेट शॉर्ट रन (जानबूझकर शॉर्ट रन):
अगर बल्लेबाज़ जानबूझकर एक रन पूरा नहीं करता ताकि टीम को फायदा मिल सके, तो इसे ‘डिलिबरेट शॉर्ट रन’ माना जाएगा. ऐसे में अंपायर रन नहीं देंगे और बैटिंग टीम को नुकसान होगा. - रिटायर्ड-आउट नियम:
अगर कोई बल्लेबाज़ बिना चोट या किसी गंभीर कारण के खुद ही मैदान छोड़ देता है, तो उसकी पारी ‘रिटायर्ड-आउट’ मानी जाएगी. यानी वह दोबारा बल्लेबाज़ी करने के लिए वापस नहीं आ सकेगा, भले ही विपक्षी कप्तान सहमति दे.
घरेलू क्रिकेट में बड़ा बदलाव
BCCI का यह फैसला घरेलू क्रिकेट के लिए क्रांतिकारी बदलाव माना जा रहा है. यह नियम फिलहाल सीके नायडू ट्रॉफी (अंडर-19 मल्टी-डे टूर्नामेंट) और अन्य घरेलू लंबे फॉर्मेट के मैचों में लागू होगा. हालांकि, IPL या सीमित ओवर के टूर्नामेंट में इसे लागू करने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.
कुल मिलाकर, यह देखना दिलचस्प होगा कि नया नियम क्रिकेट में खिलाड़ियों की सुरक्षा और टीमों के संतुलन को कितना मदद करता है, या फिर बेन स्टोक्स की तरह यह विवाद ही ज्यादा खड़ा करेगा.
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