वट वृक्ष न हो पास तो कैसे करें Vat Savitri Vrat 2025, ये है आसान तरीका

Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री व्रत के अवसर पर महिलाएं विशेष रूप से वट वृक्ष की पूजा करती हैं. यदि घर के आसपास वट वृक्ष नहीं है, तो आइए जानते हैं कि महिलाएं इस स्थिति में वट सावित्री व्रत की पूजा कैसे कर सकती हैं.

By Shaurya Punj | May 20, 2025 12:40 PM

Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री व्रत 2025 हिन्दू धर्म में पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और संतान की प्राप्ति के लिए किया जाने वाला एक अत्यंत पवित्र व्रत है. इस दिन महिलाएं वट (बरगद) वृक्ष की पूजा करती हैं, क्योंकि इसे त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है. हालांकि, यदि आपके घर या आस-पास बरगद का पेड़ नहीं है, तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. आप घर पर ही शास्त्रों के अनुसार वट सावित्री व्रत कर सकती हैं.

घर पर ऐसे करें वट सावित्री पूजा

व्रत का संकल्प लें

वट सावित्री व्रत के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें – “मैं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-सौभाग्य के लिए वट सावित्री व्रत रखती हूँ.”

वट वृक्ष का प्रतीक तैयार करें

यदि असली बरगद का पेड़ उपलब्ध नहीं है, तो आप पीपल की शाखा, वट वृक्ष की छवि या मिट्टी/पीतल की वट वृक्ष की मूर्ति का उपयोग कर सकती हैं. इस प्रतीक को पूजा स्थल पर स्थापित करें.

पूजन सामग्री एकत्र करें

पूजन के लिए लाल वस्त्र, रोली, चावल, फूल, फल, धूप-दीप, मौली (कलावा), सात प्रकार के अनाज, जल से भरा कलश, 16 श्रृंगार की वस्तुएं, ब्राह्मण भोजन आदि की तैयारी करें.

पूजा विधि

वट वृक्ष के प्रतीक के समक्ष बैठकर विधिपूर्वक पूजा करें. कलश की स्थापना करें और देवी सावित्री तथा सत्यवान की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें. कथा का श्रवण करें या उसे पढ़ें. मौली से प्रतीक वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें और मौली बांधें.

व्रत कथा का श्रवण

वट सावित्री व्रत की कथा का श्रवण या पाठ करना अनिवार्य है. इसमें सावित्री के अडिग संकल्प, पति के प्रति भक्ति और यमराज से संघर्ष का वर्णन किया गया है, जो इस व्रत की महत्ता को दर्शाता है.

ब्राह्मण व स्त्रियों को करें भोजन एवं दान

पूजा के उपरांत ब्राह्मणों और सुहागिन महिलाओं को भोजन कराना, वस्त्र या दक्षिणा प्रदान करना चाहिए. यह एक पुण्यदायक कार्य है और व्रत की पूर्णता का संकेत है.