Teej 2025: हरियाली तीज और हरतालिका तीज, सजने-संवरने और व्रत में अंतर कैसा

Teej 2025: हरियाली तीज और हरतालिका तीज, दोनों ही नारी सौंदर्य, श्रद्धा और वैवाहिक प्रेम के पर्व हैं, लेकिन इनकी तिथि, व्रत की कठिनता और धार्मिक भावना में भिन्नता है. जानिए सजने-संवरने की परंपरा और व्रत की भावना में इन दोनों तीजों के बीच क्या खास अंतर है.

By Shaurya Punj | July 23, 2025 9:21 AM

Teej 2025: हिंदू धर्म में तीज व्रत महिलाओं की आस्था, प्रेम और तप का प्रतीक माना जाता है.  इन व्रतों में खासतौर पर दो पर्व अत्यधिक लोकप्रिय हैं — हरियाली तीज और हरतालिका तीज.  हालांकि दोनों ही व्रत शिव-पार्वती से जुड़े हैं, फिर भी तिथि, उद्देश्य और विधियों के आधार पर इनमें कई अहम अंतर पाए जाते हैं.

मनाने की तिथि और मास

हरियाली तीज श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया को आती है — जब चारों ओर हरियाली छाई होती है.  वहीं, हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्ल तृतीया को मनाई जाती है और यह हरियाली तीज के कुछ सप्ताह बाद आती है.  दोनों व्रत अलग-अलग माह की तृतीया तिथि को मनाए जाते हैं.

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उद्देश्य और पूजा भाव

हरियाली तीज विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और दांपत्य सुख के लिए रखा जाता है.  हरे वस्त्र, मेंहदी, गीत-संगीत और झूले इस पर्व की पहचान हैं.  इसके विपरीत, हरतालिका तीज व्रत का संबंध पार्वती जी की कठोर तपस्या से है.  यह व्रत अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति और विवाहित महिलाएं पति की आयुष्मान कामना के लिए करती हैं.

 व्रत की कठोरता में अंतर

हरियाली तीज को अत्यंत कठिन व्रत माना गया है.  इसमें निर्जला उपवास रखा जाता है, जिसमें दिन-रात न तो अन्न ग्रहण किया जाता है, न ही जल.  जबकि हरियाली तीज में कुछ स्थानों पर फलाहार या जल सेवन की अनुमति दी जाती है.  इस प्रकार तप और संयम की दृष्टि से हरतालिका तीज अधिक गहन मानी जाती है.

पूजा की परंपरा और कथा

हरियाली तीज में शिव-पार्वती की पूजा के साथ-साथ महिलाएं झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और सज-धज कर उत्सव का आनंद लेती हैं.  वहीं हरतालिका तीज में पार्वती जी की तपस्या और शिव से उनके विवाह की कथा सुनने का विशेष विधान होता है.

हरियाली तीज 2025 कब है?

हरियाली तीज का पर्व 2025 में 27 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा.  हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 26 जुलाई को रात 10:41 बजे से होगी और यह तिथि 27 जुलाई रात 10:41 बजे तक रहेगी.  उदया तिथि के अनुसार व्रत और पर्व 27 जुलाई को रखा जाएगा.  इस दिन एक विशेष संयोग भी बन रहा है — रवि योग, जो 27 जुलाई शाम 4:23 बजे से शुरू होकर 28 जुलाई सुबह 5:40 बजे तक रहेगा.  मान्यता है कि रवि योग में किया गया व्रत और पूजन अत्यंत शुभ और फलदायक होता है.  हरियाली तीज विशेषकर सुहागिनों द्वारा पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख-शांति के लिए रखा जाता है.

हरतालिका तीज 2025 कब है?

हरियाली तीज 2025 में 26 अगस्त, मंगलवार को मनाई जाएगी.  भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 25 अगस्त को दोपहर 12:35 बजे होगा और इसका समापन 26 अगस्त को दोपहर 1:55 बजे होगा.  चूंकि तृतीया तिथि का उदयकाल 26 अगस्त को है, इसलिए व्रत इसी दिन रखा जाएगा.

हरतालिका तीज विशेष रूप से कन्याओं द्वारा उत्तम वर की प्राप्ति और विवाहित महिलाओं द्वारा पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है.  यह व्रत कठोर तपस्वी उपवास की श्रेणी में आता है, जिसमें जल ग्रहण तक नहीं किया जाता.

हरियाली तीज और हरतालिका तीज — दोनों ही नारी शक्ति, समर्पण और भक्ति का उत्सव हैं.  एक जहां प्रकृति की हरियाली और सौंदर्य का उत्सव है, वहीं दूसरी आत्मसंयम और दृढ़ संकल्प की मिसाल है.  उद्देश्य अलग हो सकते हैं, लेकिन श्रद्धा की गहराई दोनों व्रतों को विशेष बनाती है.