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Rudraksh: करियर और कारोबार में नहीं मिल रही तरक्की तो धारण करें ये रुद्राक्ष, जानें धारण करने की विधि और महत्व

Rudraksha For Career: धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओ से हुई है, जो व्यक्ति विधि-विधान से रुद्राक्ष धारण करता है, उसको सभी कार्यों में सफलता मिलती है.

Rudraksha For Career: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है. भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रुद्राक्ष धारण करना बहुत शुभ माना जाता है. शिव महापुराण ग्रंथ में कुल सोलह प्रकार के रुद्राक्ष का वर्णन मिलता है, जिसमें एक मुखी रुद्राक्ष बेहद दुर्लभ माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष बौद्धिक क्षमता और स्मरण शक्ति को बेहतर बनाने में भी कारगर है. रुद्राक्ष धारण करने से चिंता और तनाव से संबंधी परेशानियों में कमी आती है, इसके साथ ही उत्साह और ऊर्जा में वृद्धि होती है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार रुद्राक्ष एक प्रकार का बीज होता है. रुद्राक्ष को भगवान शिव का वरदान माना गया है, जो संसार के भौतिक दुखों को दूर करने के लिए प्रभु शंकर ने प्रकट किया है.

भगवान शिव के आंसुओ से हुई रुद्राक्ष की उत्पत्ति

धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओ से हुई है, जो व्यक्ति विधि-विधान से रुद्राक्ष धारण करता है, उसको सभी कार्यों में सफलता मिलती है, इसके साथ ही उसके ऊपर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है. आज हम बात करेंगे उन रुद्राक्ष के बारे में जिनको धारण करने से करियर और कारोबार में सफलता मिल सकती है. आइए जानते हैं ये रुद्राक्ष कौन से हैं और इनको धारण करने की विधि क्या है.

धारण करें ये रुद्राक्ष

आपको करयिर और व्यापार में सफलता नहीं मिल पा रही हो तो आप लोग 7, 13 और 14 मुखी रुद्राक्ष धारण जरूर धारण करें. ऐसा करने से आपको करियर और कारोबार में तरक्की मिलेगी, इसके साथ ही रुद्राक्ष धारण करने से आपकी इच्छाओं की पूर्ति भी होगी. वहीं तेरहमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य कुशल व्यापारी बनता है, इन तीनों रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य रहता है और उसके पास धन की कमी नहीं होती है. वहीं व्यक्ति की कार्य करने की शैली में निखार आता है और व्यक्ति अच्छे डिसीजन ले पाता है।

इस विधि से करें धारण

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार 7, 13 और 14 मुखी रुद्राक्ष को एक साथ गले में धारण करना चाहिए, इसके लिए धातु सबसे उपयुक्त चांदी रहेगी, इन तीनों रुद्राक्ष को चांदी के पैंडल में जड़वाकर धारण करना चाहिए. वहीं रुद्राक्ष को सोमवार, तेरस, मास की शिवरात्रि या पंचमी को धारण कर सकते हैं. धारण करने से पहले रुद्राक्ष का रुद्राभिषेक करना चाहिए. रुद्राक्ष को पहले गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से शुद्ध करके ही धारण करना चाहिए, इसके साथ ही रुद्राक्ष शिवलिंग अथवा शिव प्रतिमा से स्पर्श कराकर ही धारण करना चाहिए. रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में नहीं धारण करना चाहिए. इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें.

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रुद्राक्ष पहनकर क्या नहीं करना चाहिए?

रुद्राक्ष कभी भी ऐसी जगह पर पहनकर नहीं जाना चाहिए, जहां पर मांस- मदिरा का सेवन होता हो, जो लोग मांसहार का सेवन करते हैं उन लोगों के रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार जिस भी व्यक्ति को रुद्राक्ष धारण करना उसे पहले धूम्रपान और मांसाहार छोड़ देना चाहिए.

स्त्री को कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?

गौरीशंकर रुद्राक्ष महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है, इसे धारण करने से वैवाहिक जीवन में सुख, तेजस्वी संतान की प्राप्ति एवं सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, इसलिए महिलाओं को गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिये.

भगवान शिव का आशीर्वाद है रुद्राक्ष

रुद्राक्ष भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है, इसे धारण करने से व्यक्ति को कभी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है और उसके स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह बहुत फायदेमंद साबित होता है. महिलाएं मासिक धर्म में भी रुद्राक्ष पहन सकती हैं.

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