Ramcharitmanas Chaupai: रामायण की ये 5 चौपाइयां सिखाती हैं जीवन जीने की सही राह
Ramcharitmanas Chaupai: श्री रामचरितमानस की चौपाइयां गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखी हैं, इन चौपाइयों में ऐसा ज्ञान और संदेश छिपा है, जिससे इंसान सही और गलत में फर्क करना सीखता है. तुलसीदास जी ने श्रीराम की जीवनी, कर्तव्य और धर्म का ऐसा अद्भुत संगम रचा है जो आज भी हर पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन का काम करता है.
Ramcharitmanas Chaupai: सनातन धर्म में श्री रामचरितमानस को बहुत पवित्र ग्रंथ माना जाता है. इसे धार्मिक और शुभ ग्रंथ की तरह पूजा जाता है और लोग इसे अपने पूजा स्थल में विशेष स्थान पर रखते हैं. रामचरितमानस का हर श्लोक और चौपाई हमें जीवन में सही दिशा दिखाता है. इसमें भक्ति, धर्म, त्याग और कर्तव्य की सीख छिपी है. लोग इसे श्रद्धा भाव से पढ़ते हैं क्योंकि माना जाता है कि इससे मानसिक शांति मिलती है और भगवान के प्रति विश्वास को बढ़ाती है.
ये 5 चौपाइयां सिखाती हैं जीवन जीने की सही राह
“जाके प्रिय न राम वैदेही, तजिए ताहि कोटि बैरी सम सेही।”
इसका अर्थ है – जो व्यक्ति श्रीराम और सीता जी से प्रेम नहीं करता, उसे हजारों शत्रुओं के समान समझना चाहिए. यह चौपाई भक्ति और आस्था का महत्व बताती है.
“धीरज, धर्म, मित्र अरु नारी। आपद काल परखिए चारी॥”
संकट के समय धैर्य, धर्म, मित्र और पत्नी — इन चारों की असली परीक्षा होती है. यह चौपाई बताती है कि सच्चाई मुश्किल वक्त में ही साबित होती है.
“परहित सरिस धरम नहीं भाई, पर पीड़ा सम नहीं अधमाई।”
दूसरों का भला करना सबसे बड़ा धर्म है और किसी को कष्ट देना सबसे बड़ा पाप. यह चौपाई मानवता की भावना सिखाती है.
“सिया राम मय सब जग जानी, करहु प्रनाम जोरि जुग पानि।”
दुनिया में हर जगह भगवान का वास है, हर इंसान में, इसलिए सबके प्रति सम्मान और प्रेम भाव रखना चाहिए. यह चौपाई समानता और विनम्रता का संदेश देती है.
“सनमुख होइ जीव मोहि जबही, जनम कोटि अघ नासहिं तबही।”
जब कोई इंसान (भक्त) सच्चे मन से भगवान के सामने आता है और भक्ति भाव से उनका स्मरण करता है, तो उसके करोड़ों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं.
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