New Year 2026 Non Veg Food: क्या 1 जनवरी को खा सकते हैं नॉन वेज, जानें साल के पहले दिन की आदत से क्या होगा पूरे साल पर असर

New Year 2026 नया साल नई शुरुआत और नए संकल्पों का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में पहले दिन खान-पान को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं जुड़ी होती हैं. क्या इस दिन मांसाहार करना शुभ है या नहीं, इसे लेकर धर्म क्या कहता है, जानना जरूरी हो जाता है.

By Shaurya Punj | December 28, 2025 7:57 AM

New Year 2026 Non Veg Food: नए साल 2026 का आरंभ गुरुवार 1 जनवरी से हो जाएगा. नया साल केवल कैलेंडर का बदलाव नहीं, बल्कि जीवन में नई शुरुआत, नए संकल्प और सकारात्मक ऊर्जा को अपनाने का अवसर माना जाता है. हिंदू धर्म में किसी भी कार्य की शुरुआत शुभता और शुद्धता के साथ करने पर विशेष जोर दिया गया है. इसी कारण नए साल के पहले दिन खान-पान को लेकर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या मांसाहार करना उचित है या नहीं. आइए जानें ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से

धर्म में भोजन का आध्यात्मिक संबंध

धार्मिक दृष्टि से भोजन केवल शरीर का पोषण नहीं, बल्कि मन और विचारों को भी प्रभावित करता है. शास्त्रों में भोजन को तीन गुणों—सात्विक, राजसिक और तामसिक—में विभाजित किया गया है. फल, दूध, अनाज और शाकाहार को सात्विक माना गया है, जो मन को शांत और सकारात्मक बनाता है. वहीं मांसाहार को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है, जो आलस्य, क्रोध और नकारात्मक प्रवृत्तियों को बढ़ा सकता है.

नए साल के पहले दिन मांसाहार क्यों वर्जित माना जाता है

धार्मिक मान्यता है कि साल का पहला दिन जैसा होता है, वैसा ही उसका प्रभाव पूरे वर्ष पर पड़ता है. इस दिन देवी-देवताओं की पूजा, मंत्र जाप और शुभ संकल्प किए जाते हैं. ऐसे में मांसाहार करना पूजा-पाठ और आध्यात्मिक ऊर्जा के विपरीत माना जाता है. विशेष रूप से अगर कोई व्यक्ति नए साल के दिन भगवान विष्णु, शिव या माता लक्ष्मी की पूजा करता है, तो शाकाहार अपनाने की सलाह दी जाती है.

मांसाहार को लेकर शास्त्रों और परंपराओं की मान्यता

मनुस्मृति और कई पुराणों में बताया गया है कि शुभ अवसरों, पर्वों और व्रत के दिनों में मांसाहार से दूरी रखना चाहिए. नए साल का पहला दिन भी एक प्रकार से शुभ पर्व माना जाता है. कई घरों में इस दिन खिचड़ी, फलाहार या सात्विक भोजन बनाया जाता है, ताकि वर्ष भर सुख-समृद्धि बनी रहे.

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क्या मांसाहार पूरी तरह गलत है?

धर्म की दृष्टि से मांसाहार को पूरी तरह पाप नहीं कहा गया है, लेकिन समय, अवसर और भावना का विशेष महत्व बताया गया है. यदि कोई व्यक्ति सामान्य दिनों में मांसाहार करता है, तो भी नए साल के पहले दिन संयम और शुद्धता अपनाना शुभ माना जाता है.

धार्मिक दृष्टि से सही क्या है

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नए साल के पहले दिन शाकाहार, सात्विक भोजन और ईश्वर स्मरण करना अधिक उचित माना जाता है. ऐसा करने से मन शुद्ध रहता है और पूरे साल सकारात्मकता, शांति और शुभ फल प्राप्त होने की मान्यता है.