Kharmas 2025: खरमास में इन कार्यों से बढ़ती है सकारात्मक ऊर्जा

Kharmas 2025: साल के अंतिम महीने दिसंबर में खरमास 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है. यह अवधि शुभ कर्म, साधना, दान और आध्यात्मिक उन्नति का श्रेष्ठ काल मानी जाती है. मान्यता है कि खरमास में किए गए कुछ विशेष कार्य मन, घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं और पाप कर्मों का नाश करते हैं.

By Shaurya Punj | December 8, 2025 11:26 AM

Kharmas 2025: हिंदू पंचांग में खरमास एक ऐसा काल है, जो वर्ष में दो बार पड़ता है—पहली बार तब जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और दूसरी बार जब सूर्य मीन राशि में जाते हैं. ज्योतिष और धर्म दोनों के अनुसार यह महीना शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित माना गया है. विवाह, गृह प्रवेश, बड़ी खरीदारी, व्यवसाय की शुरुआत जैसे कार्य इस अवधि में नहीं किए जाते.

16 दिसंबर 2025 से शुरू होगा खरमास

पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर से होगी, जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे. यह अवधि 14 जनवरी 2026 तक चलेगी. 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त माना जाएगा, जिसे मकर संक्रांति भी कहा जाता है. हर साल की तरह इस बार भी यह समय भक्ति, उपासना और साधना के लिए अत्यंत शुभ रहेगा.

खरमास का आध्यात्मिक महत्व

धार्मिक मान्यता है कि यह समय सूर्य देव की तपस्या का काल है. इस दौरान व्यक्ति यदि धर्म, दान और भक्ति में मन लगाए तो उसे कई गुना पुण्य प्राप्त होता है. माना जाता है कि इस अवधि में की गई साधना नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर मन और विचारों को शुद्ध करती है.

खरमास में किए जाने वाले शुभ कार्य

धार्मिक अध्ययन एवं पाठ

शास्त्र, पुराण, रामायण, गीता और विष्णु सहस्रनाम का पाठ अत्यंत शुभ माना जाता है. इससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है.

खरमास में व्रत और उपासना

भगवान विष्णु की पूजा और एकादशी व्रत विशेष फलदायी होते हैं. यह व्रत सौभाग्य और स्वास्थ्य दोनों प्रदान करता है.

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खरमास में दान-पुण्य

खरमास में भोजन, वस्त्र, तिल, घी, गौ, जल या धन का दान अत्यधिक शुभ लाभ देता है. दान से व्यक्ति के कर्म शुद्ध होते हैं और घर में समृद्धि बढ़ती है.

खरमास में मंत्र जाप और ध्यान

“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप, ध्यान और योग करने से मन शांत रहता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है.

खरमास में विष्णु पूजा एवं सेवा

शालीग्राम पूजा, तुलसी पर जल अर्पण और धर्मस्थलों में सेवा करना अत्यंत शुभ माना गया है.

खरमास का महीना आत्मचिंतन, साधना और आध्यात्मिक उन्नति का विशेष अवसर है. यह जीवन में नई सकारात्मकता, शांति और शुभ फल प्रदान करने वाला समय माना जाता है.