PM Modi Manipur Visit : कुकी और मैतई समुदाय पास आएंगे धीरे-धीरे, पीएम मोदी के दौरे से बढ़ा विश्वास
PM Modi Manipur Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतत: मणिपुर पहुंचे हैं. 2023 से मणिपुर की जनता उनकी राह देख रही थी और अब उनके अंदर यह विश्वास जागा है कि मणिपुर की स्थिति बदलेगी.प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार मणिपुर के हिंसा प्रभावित दोनों पक्षों को साधने की कोशिश की है, वह कुकी और मैतई समुदाय में विश्वास बढ़ाएगा.
Table of Contents
PM Modi Manipur Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा के बाद शनिवार को पहली बार मणिपुर पहुंचे. यहां उन्होंने कई विकास योजनाओं की शुरुआत की और यह भी कहा कि मणिपुर में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. पीएम मोदी ने चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया.इसके साथ ही उन्होंने इंफाल में भी 1200 करोड़ रुपए की परियोजनओं का उद्घाटन किया. 2023 से हिंसाग्रस्त मणिपुर में पीएम मोदी के दौरे के कई मायने तलाशे जा रहे हैं और यह कहा जा रहा है कि आखिर पीएम मोदी इतने देर से क्यों मणिपुर पहुंचे. पीएम मोदी ने मणिपुर में जिस तरह का भाषण दिया है वो यह बताता है कि वे प्रदेश की स्थिति को बदलना चाहते हैं.
मणिपुर के लोगों में विश्वास बहाली
पिछले दो साल से मणिपुर मैतई और कुकी समुदाय के बीच विवाद की हिंसा में जल रहा है. प्रधानमंत्री ने अपने दौरे और वहां विकास योजनाओं की आधारशिला रख यह संदेश दिया है कि मणिपुर के लोगों की देश को चिंता है. पीएम मोदी ने अपने भाषणों में यह स्पष्ट संदेश दिया है कि केंद्र सरकार उनकी पीड़ा को बखूबी समझती है, वे हिंसा से पीड़ित लोगों के घाव पर मरहम रखना चाहते हैं. पीएम मोदी के इस प्रयास से मणिपुर के लोगों में विश्वास बढ़ेगा और वे यह समझेंगे कि उनकी फिक्र करने वाला भी कोई है.
कुकी और मैतई दोनों समुदायों को साथ लेकर चलने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी ने आज इंफाल और चुराचांदपुर में विकास योजनाओं की आधाशिला रखी. यहां गौर करने वाली बात यह है कि इंफाल में मैतई समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है. वहीं चुराचांदपुर में कुकी ज्यादा हैं. दोनों समुदायों को विकास योजनाओं की सौगात देकर पीएम मोदी ने दोनों समुदाय को साधने की कोशिश की है. इसका परिणाम यह होगा कि दोनों पक्षों में संवाद बढ़े और मणिपुर में शांति स्थापित हो जाए.
शांति बहाल करने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर दौरे के दौरान हिंसाग्रस्त लोगों के राहत शिविरों का दौरा किया और उनसे उनकी परेशानियों और विवाद के विभिन्न पक्षों को समझा. इसमें कोई दो राय नहीं है कि पीएम मोदी के इस दौरे का तत्काल बड़ा प्रभाव नहीं होगा, लेकिन जिस तरह से उन्होंने हिंसा की असली वजहों को तलाशकर उसका समाधान करने की कोशिश की है. अब कोशिश यह होगी कि दोनों पक्षों में बातचीत हो और उनका पुनर्वास भी किया जाए.
ये भी पढ़ें : नेपो किड्स, सोशल मीडिया और लापरवाह सरकारों ने gen z को बनाया गुस्सैल, पूरी दुनिया के लिए सबक
क्या भारत में आ सकता है अफगानिस्तान जैसा या उससे भी खतरनाक भूकंप? बिग वन ड्यू के दावे का सच जानिए
भारत-चीन के बीच 1947 से पहले नहीं था कोई सीमा विवाद, तिब्बत पर चीन के कब्जे से शुरू हुआ संघर्ष
