अब सांस लेने पर होगी मौत! दिल्ली का AQI 460 के पार; क्या बंद हो सकते हैं स्कूल?

Grap 4 Restrictions : दिल्ली में AQI बहुत ही गंभीर स्थिति में पहुंच गया है, जिसकी वजह से हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति है और इससे बचने के लिए दिल्ली एनसीआर में Grap 4 लागू कर दिया गया है. स्थिति में सुधार के लिए अगर ग्रैप 4 के प्रारंभिक उपाय कारगर नहीं हुए तो स्कूलों को बंद किया जा सकता है, ताकि बच्चों को जहरीली हवा के प्रकोप से बचाया जा सके.

By Rajneesh Anand | December 14, 2025 2:36 PM

Grap 4 Restrictions : बढ़ती ठंड के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण का लेवल बढ़ता ही जा रहा है. रविवार 14 दिसंबर को दिल्ली का ओवरऑल AQI 460 था. यह जानकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दी गई. पिछले दो दिनों से दिल्ली में स्थिति बहुत ही खराब है. एयर क्वालिटी बहुत ही गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है और सांस लेने से प्रदूषित हवा शरीर के अंदर जा रही है, जो कई तरह की बीमारियों की वजह बन रही है.

दिल्ली का ओवरऑल AQI 460, क्या है वजह?

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर इमरजेंसी वाले हालात हो गए हैं. हवा की गुणवत्ता इतनी खराब स्थिति में पहुंच चुकी है कि स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याएं आम लोगों में दिखने लगी है. बीमारियों को बढ़ने से रोकने के लिए रविवार से Grap 4 लागू कर दिया गया है. सर्दी के मौसम में हवा की रफ्तार काफी कम हो जाती है जिसकी वजह से प्रदूषक हवा में फंस जाते हैं और ऊपर की ओर नहीं जा पाते हैं. इस वजह से सर्दियों में AQI अचानक बिगड़ता है. यह मौसम का एक पैटर्न है, जो परेशानी की वजह बन जाता है. दिल्ली में दीपावली के बाद से ही हवा की क्वालिटी बिगड़ चुकी है और लगभग दो महीने से दिल्लीवासी सांस लेने में घुटन महसूस कर रहे हैं.

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क्या है Grap 4 और इसमें क्या होती हैं पाबंदियां?

हवा की गुणवत्ता जब खराब होने लगती है तब स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग कई स्तर में एक्शन प्लान लागू करता है ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके. Grap 4 ( Graded Response Action Plan) उसी का हिस्सा है और यह तब अप्लाई किया जाता है जब AQI 450 के पार चला जाता है. ग्रैप 4 में कई तरह की पाबंदियां होती हैं, जैसे कंस्ट्रक्शन वर्क पूरी तरह बंद कर दिया जाता है. पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध होता है. ईंट भट्ठे और माइनिंग बंद कर दिए जाते हैं. बाहर से आने वाली ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाता है. इसके साथ ही कई अन्य तरह की पाबंदियां भी लगाई जाती हैं, ताकि वायु गुणवत्ता को सुधारा जा सके. यह हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति है, इसलिए आयोग अगर चाहे तो अन्य कार्य भी कर सकती है-जैसे बच्चों का स्कूल बंद और ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था. कार्यालयों में वर्क फ्राॅम की सुविधा इत्यादि.

क्षेत्रGRAP-4 में क्या बंद
निर्माण कार्यसभी कंस्ट्रक्शन व डिमोलिशन बंद
फैक्ट्रियां प्रदूषण फैलाने वाली यूनिट्स बंद
ट्रक गैर-जरूरी ट्रकों की एंट्री बंद
निजी गाड़ियाँ BS-III पेट्रोल, BS-IV डीजल गाड़ियों पर रोक
स्कूलऑनलाइन क्लास / बंद हो सकते हैं
सरकारी दफ़्तरWork From Home
कचरा/लकड़ी जलानापूरी तरह प्रतिबंध
नियम तोड़ने परजुर्माना और सख्त कार्रवाई

बच्चे और बूढ़े को प्रदूषण से क्या है परेशानी?

प्रदूषण की वजह से बच्चों और बूढ़ों दोनों को ही फेफड़े की समस्या हो जाती है, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है. बूढ़ों को अस्थमा का अटैक आने लगता है. वहीं बच्चों के फेफड़े का विकास नहीं होता है. उनके फेफड़ों में PM2.5 जैसे कण चले जाते है, जो उन्हें सांस लने में विशेष तकलीफ का कारण बनते हैं. उनका इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है. यह एक तरह से बीमारियों को दावत है. वहीं बूढ़ों में सांस की बीमारियां और हार्टअटैक का खतरा बना रहता है.

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