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बंगाल सफारी में जमकर दावत उड़ा रहा तेंदुआ

सिलीगुड़ी : लगातार चार दिनों तक इधर-उधर की खाक छानने के बाद अपने बाड़े में वापस लौटे सचिन नामक तेंदुए की जमकर खातिरदारी हो रही है. शनिवार को इस तेंदुए को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. हांलाकि तेंदुए का दीदार किसी को नहीं हुआ. यह तेंदुआ थोड़ा घायल है और बंगाल […]

सिलीगुड़ी : लगातार चार दिनों तक इधर-उधर की खाक छानने के बाद अपने बाड़े में वापस लौटे सचिन नामक तेंदुए की जमकर खातिरदारी हो रही है. शनिवार को इस तेंदुए को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.

हांलाकि तेंदुए का दीदार किसी को नहीं हुआ. यह तेंदुआ थोड़ा घायल है और बंगाल सफारी पार्क के अंदर ही एक शेल्टर होम में उसकी चिकित्सा चल रही है. वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तेंदुए के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है. इधर से उधर भागने के चक्कर में उसे जो चोटें लगी थी,उसकी चिकित्सा की जा रही है.

शुक्रवार को उसे सुबह ही मांस के बड़े-बड़े टुकड़े दिये गए. उसने जमकर उसका दावत उड़ाया. बीच-बीच में वह दहाड़ें भी मार रहा है. कभी-कभी वह वनकर्मी पर हमले के मुद्रा में भी रहता है. उसे कड़ी सुरक्षा के बीच शेल्टर होम के एक विशेष पिंजरे में रखा गया है. वहीं उसके खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है. वन विभाग सूत्रों ने आगे बताया कि तेंदुए की निगरानी के लिए आधा दर्जन वनकर्मी तैनात किये गए हैं.

यहां उल्लेखनीय है कि सचिन नाम का यह तेंदुआ 1 जनवरी को सबको चकमा देकर अपने बाड़े से फरार हो गया था. उसके बाद वन विभाग की नींद उड़ी हुयी थी. चार दिनों तक इधर-उधर भटकने के बाद शुक्रवार शाम करीब साढ़े चार बजे तेंदुआ चुपचाप अपने बाड़े में लौट आया था. इसबीच, चार दिनों की गहमागहमी के बाद शनिवार को बंगाल सफारी में सब कुछ सामान्य हो गया है. सफारी को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. यहां आज काफी संख्या में पर्यटक तथा आमलोग भी आये. इसके साथ ही लेपर्ड सफारी की भी शुरुआत कर दी गई है .

लेपर्ड सफारी के लिए आने वाले अधिकांश लोग सचिन नामक तेंदुए को देखना चाह रहे थे. जबकि फिलहाल उसे देख पाना संभव नहीं है. वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तीन से चार दिनों के बाद तेंदुए को फिर से अपने बारे में छोड़ दिया जाएगा .उसे फिलहाल बाड़े में ही एक विशेष पिंजरे में रखा गया है. लेपर्ड सफारी के लिए आने वाले लोग शीला और सौरव नामक तेंदुए को देख सकते हैं. दूसरी ओर सचिन नमक तेंदुए को पकड़ने के लिए जो तमाम तामझाम सफारी पार्क के अंदर लगाए गए थे, उन सब को हटाने का काम खत्म हो गया है. 15 पिंजरे तेंदुए को पकड़ने के लिए लगाए गए थे. इनको हटा लिया गया है.

साथ ही जल्दापाड़ा से लाए गए दो फालतू हाथियों को भी वापस रवाना किया जा रहा है. ऐसे तेंदुए की तलाश में कुल 4 हाथी लगाए गए थे. बंगाल सफारी पार्क के सहायक निदेशक असीम कुमार चाकी ने बताया है कि सचिन नामक तेंदुए की चिकित्सा चल रही है. उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. वह पूरी तरह से स्वस्थ है. फिर भी वन विभाग के पशु चिकित्सक लगातार उसकी निगरानी कर रहे हैं. तीन-चार दिनों बाद उसे लेपर्ड सफारी के लिए बाड़े में छोड़ दिया जाएगा.

पहले दिन लिया तीन किलो मांस का मजा

शुक्रवार को सचिन जब अपने बाड़े में लौटा तो वह बुरी तरह से भूखा था. उसे बाड़े में हर दिन साढ़े चार बजे ही भोजन मिलता था. इसलिए वह ठीक इसी समय पर अपने बाड़े में लौट आया. उसने पहले दिन काफी खाना खाया. वन विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उसने पहले दिन तीन किलो मांस उड़ाया. शनिवार को उसे दोपहर को खाने के लिए 1 किलो मांस दिया गया.

क्या है मामला

सचिन नामक तेंदुआ मंगलवार को अपने बाड़े से भाग गया था.करीब 80 घंटे से भी अधिक समय से तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की गयी. यहां तक कि तेंदुए की तलाश में 4 हाथी,दो ड्रोन कैमरे, सात ट्रैप कैमरे के साथ-साथ एक सौ से अधिक वनकर्मी लगे हुए थे. उसके बाद भी तेंदुए का पता नहीं चल रहा था. अधिकारियों का मानना था कि शायद तेंदुआ बंगाल सफारी पार्क से बाहर नहीं गया है. एक-दो दिन में भूख लगने पर वह स्वयं खाने की तलाश में बाड़ में वापस आ सकता है. वन अधिकारियों की यही तरकीब काम कर गई. शुक्रवार शाम करीब 4:30 बजे तेंदुआ अचानक बाड़ में लौट आया.

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