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रांची : ज्यादा देर बिजली कटी, तो उपभोक्ताओं को मिलेगा मुआवजा !
राज्य विद्युत उपभोक्ता सलाहकार समिति की पहली बैठक संपन्न कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा रांची : झारखंड के विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर बुधवार को होटल मैपलवुड में गंभीर चर्चा हुई. चर्चा का आयोजन झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया गया था. नियामक आयोग द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकारों की […]
राज्य विद्युत उपभोक्ता सलाहकार समिति की पहली बैठक संपन्न कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
रांची : झारखंड के विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर बुधवार को होटल मैपलवुड में गंभीर चर्चा हुई. चर्चा का आयोजन झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया गया था.
नियामक आयोग द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य विद्युत उपभोक्ता सलाहकार समिति गठित की गयी है. इसमें आयोग के सदस्य तकनीक आरएन सिंह, विद्युत लोकपाल पीपी पांडे समेत झारखंड बिजली वितरण निगम के अलग-अलग प्रमंडलों के विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण कोषांग के अध्यक्षों, टाटा पावर, जुस्को, सेल व डीवीसी के कोषांग के अध्यक्षों सदस्य हैं. झारखंड बिजली वितरण निगम, जुस्को, टाटा स्टील, सेल के एमडी भी इसके सदस्य हैं. हालांकि, झारखंड बिजली वितरण निगम के एमडी बैठक में शामिल नहीं थे.
बैठक में आयोग के सदस्य तकनीक आरएन सिंह ने कहा कि बिजली मौलिक जरूरत है. राज्य में पांच वितरण कंपनी है, जिसमें झारखंड बिजली वितरण निगम की शिकायत ज्यादा मिलती है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को यह पता ही नहीं है कि ज्यादा देर तक बिजली कटी रहने पर वह मुआवजे के हकदार हैं. पर कहां शिकायत करें इसकी जानकारी नहीं है. जानकारी देने का काम वितरण कंपनियों को करना है, जो वे नहीं करती हैं.
सात सदस्यीय कमेटी गठित : बैठक में उपभोक्ताओं तक उनकेअधिकार की जानकारी देने के लिए एक कमेटी गठित की गयी है. यह कमेटी 45 दिनों में विद्युत लोकपाल को अपनी रिपोर्ट देगी. लोकपाल की अनुशंसा पर आयोग उपभोक्ता अधिकार के लिए रेगुलेशन लाने का काम करेगा. कमेटी में झारखंड बिजली वितरण निगम की ओर से रांची, हजारीबाग व दुमका उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम के चेयरमैन के अलावा डीवीसी, जुस्को, सेल व टाटा स्टील के उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम के चेयरमैन को रखा गया है.
विद्युत पारा लीगल वालंटियर बनाने का सुझाव
राज्य के विद्युत लोकपाल पीपी पांडेय ने कहा कि उपभोक्ताओं के अधिकारों के रक्षा के लिए फोरम गठित है. ज्यादातर फोरम के चेयरमैन जिला के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. लोगों को कानून की जानकारी हो, अधिकारों की जानकारी हो. इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने विद्युत पारा लीगल वालंटियर बनाने का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को कानूनी जानकारी के लिए तीन-तीन बार वितरण कंपनी को पत्र लिखा गया, पर कोई जवाब नहीं मिला. बिजली वितरण कंपनी के जीएम कान में रूई डालकर सोये रहते हैं. उपभोक्ताओं की चिंता उन्हें नहीं. उन्होंने उपभोक्ता निवारण कोषांग को जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक बनाने की बात कही.
महीने में एक बार प्रखंडों में लगेगी लोक अदालत
राज्य के हर जिले में बिजली की समस्याओं के निराकरण के लिए महीने में एक बार अलग-अलग प्रखंडों में लोक अदालत लगेगी. जहां आम उपभोक्ता बिजली कंपनी, बिजली बिल, सेवा और बिजली की गुणवत्ता से जुड़ी शिकायत रख सकेंगे. बिजली कंपनी के अधिकारी, विद्युत उपभोक्ता शिकायत फोरम के जिला स्तरीय अध्यक्ष, सदस्य तकनीक और झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के प्रतिनिधि की मौजूदगी में मौके पर शिकायतें दूर की जायेंगी.
पहले चेयरमैन के निधन पर शोक जताया : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के पहले चेयरमैन एसकेएफ कुजूर के निधन की सूचना बैठक में ही दी गयी. इसके बाद बैठक के अंत में सारे सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
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