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बनगांव नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हुई बमबाजी

कोलकाता : उत्तर 24 परगना जिले की बनगांव नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ. नगरपालिका मुख्यालय से पांच सौ मीटर दूर तक धारा 144 लागू होने के बावजूद तृणमूल और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प हो गयी. नगरपालिका मुख्यालय के सामने पुलिस और रैफ के जवानों की मौजूदगी में पथराव और […]

कोलकाता : उत्तर 24 परगना जिले की बनगांव नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ. नगरपालिका मुख्यालय से पांच सौ मीटर दूर तक धारा 144 लागू होने के बावजूद तृणमूल और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प हो गयी. नगरपालिका मुख्यालय के सामने पुलिस और रैफ के जवानों की मौजूदगी में पथराव और बमबाजी की घटना हुई. तृणमूल और भाजपा दोनों ही बोर्ड दखल का दावा कर रहे हैं. घटना के बाद से इलाके में तनाव है. भाजपा समर्थकों ने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया है.

जानकारी के मुताबिक, अपराह्न तीन बजे अविश्वास प्रस्ताव का समय तय किया गया था. नगरपालिका में तृणमूल के नौ और कांग्रेस के एक पार्षद तृणमूल के पक्ष में पहुंचे थे.
भाजपा पार्षद देर से पहुंचे. उधर, नगरपालिका के चेयरमैन शंकर अद्धया का कहना है कि काफी देर तक इंतजार किया गया, लेकिन भाजपा से कोई नहीं आया. जिसके बाद तृणमूल पक्ष के दस पार्षदों ने विश्वास प्रस्ताव रखते हुए बैठक संपन्न की. बाद में भाजपा के 9 पार्षद आये थे, लेकिन उसके बावजूद भी तृणमूल के दस पार्षद होने का विश्वास होने के कारण बोर्ड पर तृणमूल का ही दखल रह गया.
वहीं, भाजपा का आरोप है कि तृणमूल के लोगों ने भाजपा के नौ पार्षदों को बंद कर रखा था. बाद में किसी तरह से सभी जब निकल कर अविश्वास प्रस्ताव के लिए पहुंचे, तो कार्तिक मंडल और हिमाद्री मंडल पर अपहरण का मामला होने के कारण पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. हाईकोर्ट की अंतरिम जमानत के निर्देश की कॉपी पुलिस को दिखाने के बाद भी उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया.
इसे लेकर पार्टी कोर्ट जायेगी. भाजपा का कहना है कि अंतत: किसी तरह पार्टी के 11 पार्षद पहुंचे और हस्ताक्षर किये गये अविश्वास प्रस्ताव का पत्र कार्यकारी अधिकारी के समक्ष रखा और हस्ताक्षर हुआ. इस संबंध में कार्यकारी अधिकारी (इओ) ने कहा कि एक प्रस्ताव पर एक बैठक हुई है. एक फैसला हुआ है. इससे संबंधित रिपोर्ट भेजने का दायित्व है और मैं रिपोर्ट जिला अधिकारी को भेज दूंगा. पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि भाजपा ह्वाट्सएप पर कोर्ट के निर्देशकी प्रति दिखा रही थी, जबकि हार्ड कॉपी की मांग की जा रही थी, जिस कारण से दो पार्षदों को प्रवेश की इजाजत नहीं दी गयी.
उधर, बनगांव नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हुए पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा हाइकोर्ट जा सकती है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश के बावजूद भी दो भाजपा पार्षदों को अंदर जाने से रोक दिया गया था, जिसे लेकर बुधवार को पार्टी हाइकोर्ट जा सकती है. मालूम हो कि बनगांव नगरपालिका में कुल 22 सीटें हैं, जिसमें माकपा और कांग्रेस के एक-एक पार्षद हैं, जबकि तृणमूल के 20 पार्षदों में से लोकसभा चुनाव के बाद ही 12 पार्षद भाजपा में शामिल हो गये. फिर शंपा महतो तृणमूल में वापस चली गयीं, जिसके बाद वर्तमान में तृणमूल के 9 पार्षद और भाजपा के 11 हैं.
इओ को डरा कर हस्ताक्षर कराया गया : फिरहाद
बनगांव मामले पर शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि बैरकपुर की तरह ही बनगांव में भी डराकर इओ से पत्र पर हस्ताक्षर करवाया गया है. अपराधी को पुलिस रोकेगी नहीं तो क्या करेगी. अगर अपहरण के मामले को छोड़ देगी, तो बंगाल में सभी अपहरण करना शुरू कर देंगे. जो समय निर्धारित था, उस समय के बाद जाने का कोई मतलब ही नहीं है.

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