Vande Mataram : कुछ लोग सोचते हैं कि चर्चा बंगाल चुनाव के कारण हो रही है, राज्यसभा में देखें क्या बोले अमित शाह
Vande Mataram : राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि चर्चा बंगाल चुनाव के कारण हो रही है. वीडियो में देखें और उन्होंने क्या कहा.
Vande Mataram : गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वंदे मातरम् की जरूरत थी, और आज भी है जब देश 2047 में विकसित भारत बनने जा रहा है. कुछ लोग ‘वंदे मातरम्’ को पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव से जोड़ कर इसके महत्व को धूमिल करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ सांसदों ने लोकसभा में सवाल उठाए कि वंदे मातरम् पर चर्चा की जरूरत क्यों है? वंदे मातरम् पर चर्चा तब भी जरूरी थी, आज भी है, और 2047 के लिए हमने जो उज्ज्वल भविष्य सोचा है, उसके लिए आगे भी जरूरी रहेगी.
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah says, "Some members raised questions in the Lok Sabha on the need for these discussions on Vande Mataram. The need for discussion on Vande Mataram, the need for dedication towards Vande Mataram, was important back then; it is needed now, and… pic.twitter.com/BXJukCsnDT
— ANI (@ANI) December 9, 2025
आगे अमित शाह ने कहा कि सच यह है कि वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम बाबू बंगाल से थे, आनंद मठ की शुरुआत भी बंगाल से हुई, लेकिन वंदे मातरम् न तो सिर्फ बंगाल तक सीमित है और न ही सिर्फ भारत तक. जब देश की सीमा पर कोई सैनिक या अंदर देश की रक्षा करने वाला कोई पुलिसकर्मी शहीद होता है, तो उसके अंतिम शब्द ‘वंदे मातरम्’ ही होते हैं.
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वंदे मातरम् का देश को स्वतंत्रता दिलाने में क्या योगदान…, जानें क्या बोले शाह
अमित शाह ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को देश भक्ति, त्याग और राष्ट्र चेतना का प्रतीक बताते हुए सोमवार को कहा जो लोग इस समय इसकी चर्चा करने के औचित्य और जरूरत पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें अपनी सोच पर नये सिरे से विचार करना चाहिए. शाह ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष होने पर उच्च सदन में चर्चा में भाग लेते हुए उम्मीद जतायी कि इस चर्चा के माध्यम से देश के बच्चे, युवा और आने वाली पीढ़ी यह बात समझ सकेगी कि वंदे मातरम् का देश को स्वतंत्रता दिलाने में क्या योगदान रहा है.
भक्ति और कर्तव्य के भाव जागृत करने वाली कृति है ये : शाह
शाह ने कहा कि लोकसभा में इस विषय पर कुछ लोगों ने यह प्रश्न उठाया था कि आज वंदे मातरम् पर चर्चा क्यों होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् के प्रति समर्पण की जरूरत, जब यह बना तब थी, आजादी के आंदोलन में थी, आज भी है और जब 2047 में महान भारत की रचना होगी, तब भी रहेगी. शाह ने कहा कि यह अमर कृति ‘‘भारत माता के प्रति समर्पण, भक्ति और कर्तव्य के भाव जागृत करने वाली कृति है.
