कुतुब मीनार से हटाई जा सकती हैं गणेश भगवान की दो मूर्तियां, एनएमए ने पुरातत्व विभाग को लिखी चिट्ठी

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के प्रमुख तरुण विजय ने इस बात की पुष्टि की है कि मैंने कुतुब मीनार का कई बार दौरा किया. हर बार के दौरे में मुझे यह इस बात का एहसास हुआ कि कुतुब मीनार भगवान गणेश की मूर्तियों के लिए सम्मानजनक स्थल नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2022 11:20 AM

नई दिल्ली : भारत के पर्यटनस्थलों में शुमार दिल्ली स्थित कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणेश की दो मूर्तियां हटाई जा सकती हैं. राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) ने गणेश भगवान की इन दोनों मूर्तियों को सम्मानजनक स्थल पर रखवाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को चिट्ठी लिखी है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एनएमए ने भारत के प्रसिद्ध पर्यटनस्थल कुतुब मीनार परिसर में इन दोनों मूर्तियों के रखे होने पर आपत्ति भी जाहिर की है.

अंग्रेजी के अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार की संस्था राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) ने भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुतुब मीनार में रखे गणेश भगवान की दो मूर्तियों को सम्मानजनक स्थान पर रखवाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को चिट्ठी लिखी है. ऐतिहासिक महत्व की इमारतों और पर्यटनस्थलों की देखभाल करने वाली संस्था एएसआई को लिखी चिट्ठी में राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने आग्रह किया है कि कुतुब मीनार में रखी गईं गणेश भगवान की दोनों मूर्तियों को सम्मानपूर्वक राष्ट्रीय संग्रहालय में रखने की व्यवस्था की जाए.

अंग्रेजी के अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के प्रमुख तरुण विजय ने इस बात की पुष्टि की है कि मैंने कुतुब मीनार का कई बार दौरा किया. हर बार के दौरे में मुझे यह इस बात का एहसास हुआ कि कुतुब मीनार भगवान गणेश की मूर्तियों के लिए सम्मानजनक स्थल नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत के इस पर्यटनस्थल परिसर में यहां भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों के कदम के नजदीक ये दोनों मूर्तियां होती है. इसलिए इन दोनों मूर्तियों को राष्ट्रीय संग्रहालय में रखने का आग्रह किया गया है.

Also Read: Qutub Minar Case: कुतुब मीनार की मस्जिद पर दावा, मंदिर तोड़ बनाने का आरोप, भगवान विष्णु और ऋषभदेव की तरफ से केस

इसके साथ ही, तरुण विजय ने यह भी कहा कि आजादी के बाद हमने ब्रिटिश राजा और रानी की मूर्तियां इंडिया गेट से हटवा दी थीं. ऐसी कई सड़कों के नाम बदल दिए, जो गुलामी के दौर की याद दिलाते थे. अब हमें मुगलों द्वारा किए गए जातीय-संहार के दौर को बदलने के लिए काम करना चाहिए. अपने गौरव, अपनी पहचान की पुनर्स्थापना करनी चाहिए.

Next Article

Exit mobile version