Telangana: 120 फीट गहरे बोरवेल में रात भर सिसकियां भरता रहा मासूम, 17 फीट पर तोड़ा दम

Telangana borewell rescue operation : तेलंगाना के मेदक जिले में बुधवार की देर शाम 3 साल का मासूम खुले बोरवेल में जा गिरा, जिसको बचाने के लिए प्रशाशन ने खूब प्रयास किए, लेकिन कई घंटों की मेहनत के बाद बच्चे का शव निकाला ही जा सका. एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने 10 घंटे की मशक्कत के बाद मासूम को बाहर तो निकाल लिया लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 28, 2020 9:22 AM

तेलंगाना (Telangana) के मेदक जिले में बुधवार की देर शाम 3 साल का मासूम खुले बोरवेल में जा गिरा, जिसको बचाने के लिए प्रशाशन ने खूब प्रयास किए, लेकिन कई घंटों की मेहनत के बाद बच्चे का शव निकाला ही जा सका. एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने 10 घंटे की मशक्कत के बाद मासूम को बाहर तो निकाल लिया लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी. करीब 120 फीट के गहरे बोरवेल में गिरा मासूम 17 फीट पर ही फंस गया था.

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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ये घटना मेदक जिले के पापन्नापेट मंडल के पोड्चना पल्लीगांव की है. साई वर्धन नाम का बच्चा बुधवार को अपने नाना के साथ खेत में गया था. खेत में ही खेलते-खेलते साई वर्धन बोरवेल में अचानक गिर गया. इसको बचाने के लिए लगभग 12 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन बच्चे की जान नहीं बचायी जा सकी.

बच्चे के शव को अस्पताल भेज दिया गया. बताया जा रहा है कि यहां पर 120 फीट गहरे बोरवेल को पानी नहीं निकलने के कारण खुला छोड़ दिया गया था. मेदक के कलेक्टर के धर्मा रेड्डी ने कहा कि यहां तीन गहरे बोरवेल बिना इजाजत खोदे गए हैं. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी.

रात भर चला ऑपरेशन

बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए हैदराबाद से विशेष टीम भी बुलाई गयी. बच्चे को बचाने की हर संभव कोशिश भी की गयी. पर रेस्क्यू ऑपरेशन सफल न हो सका. रिपोर्ट के मुताबिक, संगारेड्डी जिले के पटनचेरू निवासी मंगली गोवर्धन व नवीना का तीसरा बेटा साई वर्धन चार महीने पहले पोड्चनपल्ली गांव स्थित अपनी नानी के पास माता-पिता के साथ आया था. खेलते समय बोरवेल में गिरने की सूचना जैसे ही स्थानीय प्रशासन को मिली वैसे ही उसे बचाने के प्रयास शुरू हो गये.

साई वर्धन को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए जब बोरवल में पाइप छोड़ा गया, तो वह पाइप 17 फीट पर ही जाकर रुक गयी. रेस्क्यू टीम ने इसके समानांतर गड्ढा खोदकर बच्चे को निकालने की पूरी कोशिश की. मगर तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी. लगभग 12 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बच्चे को बचाया नहीं जा सका. इस घटना से पूरे गांव में मातम छा गया है. परिवार का रो कर बुरा हाल हो गया है.

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