Coronavirus Pandemic : सरकारी हो या प्राइवेट लैब, मुफ्त में होगी कोरोना वायरस की जांच, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को COVID-19 टेस्‍ट सरकारी या निजी लैब में मुफ्त करने का निर्देश दिया है.

By ArbindKumar Mishra | April 8, 2020 9:15 PM

नयी दिल्‍ली : कोरोना वायरस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को COVID-19 टेस्‍ट सरकारी या निजी लैब में मुफ्त करने का निर्देश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को COVID-19 जांच मुफ्त करने के लिए निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं को निर्देश जारी करने कहा. कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 जांच एनएबीएल (NABL) से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं या डब्ल्यूएचओ (WHO) या आईसीएमआर (ICMR) द्वारा मंजूरी प्राप्त किसी एजेंसी में ही की जाये. सुप्रीम कोर्ट ने वकील शशांक देव सुधी की याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया.

सुप्रीम कोर्ट निजी लैब में कोविड-19 की जांच के लिये 4,500 रुपये की कीमत निर्धारित करने के खिलाफ अधिवक्ता शशांक देव सुधि की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में केन्द्र और दूसरे प्राधिकारियों को सभी नागरिकों की कोविड-19 की जांच नि:शुल्क कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

Also Read: COVID-19 : 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन बढ़ा सकती है सरकार, 80 फीसदी दल इसके पक्ष में

सुधि ने पीठ से कहा कि देश में कोविड-19 की नि:शुल्क जांच की जानी चाहिए क्योंकि यह बहुत ही महंगा है. वैसे भी लॉकडाउन की वजह से जनता पहले से ही आर्थिक परेशानियों का सामना कर रही है. केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लगातार हालात बदल रहे हैं और सरकार नहीं जानती कि इस समय कितनी और प्रयोगशालाओं की जरूरत होगी और लॉकडाउन कब तक जारी रहेगा.

Also Read: COVID-19 : 11 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों से फिर बात करेंगे पीएम मोदी, कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन पर होगी चर्चा

याचिका में कहा गया है कि आम आदमी के लिये सरकारी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में यह जांच कराना बहुत ही मुश्किल है और इसका कोई विकल्प नहीं होने की वजह से वह निजी अस्पतालों और निजी लैब में ये जांच कराने और इसके लिये 4,500 रुपये जैसी मोटी रकम खर्च करने के लिये बाध्य हैं. सुधि ने याचिका में दलील दी है कि कोविड-19 की निजी लैब में जांच के लिये 4,500 रुपये कीमत निर्धारित करने की 17 मार्च का सरकार का परामर्श मनमाना और अनुचित है तथा इससे संविधान के अनुच्छेद 14 में प्रदत्त समता के मौलिक अधिकार का हनन होता है.

Next Article

Exit mobile version