SIR News: SIR ने लव मैरिज से टूटे रिश्तों को जोड़ा, बिखरे परिवार में लौटाई फिर से रोशनी

SIR News: विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सड़क से संसद तक हंगामा जारी है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने इसे अपना प्रमुख हथियार बनाया. लेकिन चुनाव आयोग ने एसआईआर को निष्पक्ष और सही बताया है. इस बीच एसआईआर को लेकर एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे जानने के बाद आप एसआईआर को लेकर अपना विचार बदल लेंगे. एसआईआर ने बिखरे परिवार को फिर से जोड़ने का काम किया है.

By ArbindKumar Mishra | December 1, 2025 7:47 PM

SIR News: लव मैरिज के चलते परिवार से कट चुके बरेली के कई युवाओं के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) रिश्तों को जोड़ने वाला सेतु बन गया है. मतदाता सूची की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया ने कई ऐसे लोगों को वर्षों बाद अपने परिजनों से संपर्क करने के लिए मजबूर किया, जो घर से अलग होकर बिल्कुल नया जीवन जी रहे थे.

पहला मामला: लव मैरिज के कारण माता-पिता से टूट गया था रिश्ता, एसआईआर ने बिगड़े रिश्ते को बनाया

बरेली शहर के जोगी नवादा की 40 वर्षीय स्नेहलता इसका प्रमुख उदाहरण हैं. करीब 15 साल पहले वह अपने प्रेमी ओमकार चौधरी के साथ चली गई थीं. परिवार ने प्राथमिकी दर्ज कराई, लेकिन स्नेहलता ने अदालत में प्रेमी के पक्ष में बयान दे दिए थे और फिर अपने पति के साथ चली गई थीं. उसके बाद मायके वालों से पूरी तरह बोलचाल बंद हो गई. एसआईआर के दौरान जब अधिकारियों ने उनसे 2003 की मतदाता सूची पर आधारित एपिक आईडी मांगी, तो उन्हें अपने माता-पिता का ध्यान आया और वर्षों बाद उन्होंने घर फोन कर जरूरी विवरण मांगा.

निर्वाचन अधिकारी ने क्या बताया?

उप जिला निर्वाचन अधिकारी /अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के अनुसार, एसआईआर के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें प्रेम विवाह करके घर छोड़ने वाले युवक-युवतियों को अपने पैतृक दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ी. उन्होंने बताया कि हालांकि प्रक्रिया सुचारू है और निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अधिकांश जानकारी उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि यदि विवरण उपलब्ध नहीं हैं, तो आवेदक एसआईआर गणना प्रपत्र में तीसरे विकल्प का चयन कर सकते हैं.

दूसरा मामला: 10 साल बाद जब रिहाना ने मां से बात की तो आवाजें रुंध गईं

फरीदपुर में रहने वाली सुलेखा उर्फ रिहाना भी वर्षों बाद अपने परिजनों से बात करने को मजबूर हुईं. बुलंदशहर की निवासी सुलेखा लगभग 10 साल पहले नवाब हसन के साथ रहने आई थीं. निकाह के बाद वह रिहाना बन गईं और अब उनके दो बच्चे हैं. मायके वालों से उनका कोई संपर्क नहीं था. एसआईआर के फॉर्म में जब पिता की मतदाता क्रमांक संख्या और 2003 की सूची से जुड़े विवरण मांगे गए, तो रिहाना को कुछ भी याद नहीं था. अंततः उन्होंने अपनी मां को फोन किया. कॉल उठते ही दोनों की आवाजें रुंध गईं और वर्षों पुरानी दूरी पिघलने लगी.

तीसरा मामला: 9 साल बाद हुई बात तो फूट-फूटकर रोने लगी मां

आंवला संसदीय क्षेत्र के बिलपुर निवासी केशव की बेटी भी 9 साल पहले अपने मामा के लड़के के साथ चली गई थी. उन्होंने बताया कि रिश्तेदारों के समझाने के बाद भी दोनों नहीं माने और फोन नंबर तक बदल दिए. उन्होंने बताया कि एसआईआर की जानकारी जुटाने के लिये वर्षों बाद बेटी ने अचानक फोन किया. केशव ने कहा कि बेटी की आवाज सुनकर उसकी मां फूट-फूटकर रो पड़ी.

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