सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा की कोरोना से मौत, झारखंड के जमेशदपुर से था उनका गहरा नाता

अपने सेवाकाल के दौरान सिन्हा ने सीबीआई के निदेशक, आईटीबीपी के महानिदेश जैसे कई अहम पदों पर रहते हुए जिम्मेदारियां संभाली थी. रंजीत सिन्हा 1974 बैच के आईपीएस ऑफिसर थे. सीबीआई के निदेशक का पद संभालने से पहले वह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक के पद पर तैनात थे.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 16, 2021 12:00 PM

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक, आईटीबीपी के पूर्व महानिदेशक और 1974 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी रंजीत सिन्हा का दिल्ली में निधन हो गया है. समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से किए गए ट्वीट के अनुसार, उन्होंने दिल्ली में शुक्रवार तड़के करीब 4.30 बजे अंतिम सांस ली. वह 68 साल के थे. एजेंसी की खबर के अनुसार, गुरुवार रात को उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया था.

अपने सेवाकाल के दौरान सिन्हा ने सीबीआई के निदेशक, आईटीबीपी के महानिदेश जैसे कई अहम पदों पर रहते हुए जिम्मेदारियां संभाली थी. रंजीत सिन्हा 1974 बैच के आईपीएस ऑफिसर थे. सीबीआई के निदेशक का पद संभालने से पहले वह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक के पद पर तैनात थे.

रंजीत सिन्हा पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप

हालांकि, सीबीआई के निदेशक के पद पर तैनाती के दौरान रंजीत सिन्हा पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे. सीबीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केस भी दर्ज किया था. रंजीत सिन्हा पर आरोप लगा था कि उन्होंने सीबीआई निदेशक के पद पर रहते हुए कोयला घोटाले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी.

कोयला घोटाले की जांच को लेकर केस हुआ था दर्ज

1974 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी सिन्हा की संदिग्ध भूमिका की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था. इस आदेश के तीन महीने बाद सीबीआई ने सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. 22 नवंबर 2012 को उन्हें दो सालों के लिए सीबीआई का निदेशक बनाया गया था. इससे पहले वह रेलवे सुरक्षा बल का नेतृत्व कर रहे थे. इसके पहले वे पटना और दिल्ली में सीबीआई में वरिष्ठ पदों पर अपनी जिम्मेदारियां निभा चुके थे.

जमशेदपुर से था गहरा नाता

सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा का जन्म झारखंड की औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में 27 मार्च 1953 को हुआ था. उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से भूविज्ञान की पढाई की, लेकिन 21 वर्ष की अवस्था में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के बिहार कैडर में शामिल हो गए.

Also Read: निरंजनी अखाड़े ने महाकुंभ से हटने का किया फैसला, निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर की कोरोना से मौत के बाद संतों में दहशत

Posted by : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version