क्या फ्लू का टीका आपके बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर में सुरक्षित रख सकता है? एक्सपर्ट से जानें जवाब
नयी दिल्ली : कोरोना (Coronavirus) की दूसरे लहर पर देश भर में अभी पूरी तरह काबू भी नहीं पाया गया है कि तीसरी लहर की बात होने लगी है. तीसरी लहर (Third Wave of Corona) का बच्चों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा, ऐसा माना जा रहा है. इस बात ने अभिभावकों, महामारी वैज्ञानिकों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ा दी है. जबकि पिछले कुछ दिनों में बच्चों में कोविड-19 (Covid-19) मामलों में लगातार वृद्धि देखी गयी है और अध्ययनों से पता चला है कि बच्चों में वायरस के गंभीर संक्रमण विकसित होने की संभावना कम होती है.
नयी दिल्ली : कोरोना (Coronavirus) की दूसरे लहर पर देश भर में अभी पूरी तरह काबू भी नहीं पाया गया है कि तीसरी लहर की बात होने लगी है. तीसरी लहर (Third Wave of Corona) का बच्चों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा, ऐसा माना जा रहा है. इस बात ने अभिभावकों, महामारी वैज्ञानिकों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ा दी है. जबकि पिछले कुछ दिनों में बच्चों में कोविड-19 (Covid-19) मामलों में लगातार वृद्धि देखी गयी है और अध्ययनों से पता चला है कि बच्चों में वायरस के गंभीर संक्रमण विकसित होने की संभावना कम होती है.
बावजूद इसके, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि बच्चे पूरी तरह से इस वायरस से सुरक्षित है. फोर्टिस अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जेसल शेठ ने इंडिया डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि कोरोना की पहली लहर ने 60 साल से ऊपर के लोगों को निशाना बनाया. वहीं, दूसरी लहर में सबसे ज्यादातर युवा वर्ग संक्रमित हुए हैं. तो यह उम्मीद की जा रही है कि तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा होगा. ऐसे में जरूरी है कि कुछ ऐसे उपाय किये जाएं जो बच्चों में बीमारी की गंभीरता को कम कर सके.
बच्चों के लिए फ्लू का टीका कितना कारगर है, इस सवाल पर डॉ शेठ का कहना है कि इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चों को हर साल फ्लू का टीका देने की सिफारिश करता है. अमेरिका के मिशिगन और मिसौरी में महामारी के दौरान कोविड-19 से संक्रमित बच्चों के बीच किये गये हालिया सर्वे में पता चला है कि जिन बच्चों को अमेरिका में 2019-20 में फ्लू का वैक्सीन लगाया गया था, उनमें संक्रमण का जोखिम थोड़ा कम था.
डॉ शेठ ने कहा कि SARS-CoV-2 और इन्फ्लुएंजा में एक समान महामारी विज्ञान और नैदानिक विशेषताएं हैं. अगर कोविड-19 के साथ इन्फ्लुएंजा संक्रमण भी मिल जाए तो यह महामारी को दोहरी महामारी की स्थिति में बदल सकता है. ऐसे में इन्फ्लुएंजा फ्लू का टीका बच्चों को इससे बचाने में काफी कारगर साबित हो सकता है. यह टीकाकरण संक्रमण के जोखिम को रोकने और संभावित तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण की गंभीरता को कम करेगा.
उन्होंने कहा कि इसलिए महाराष्ट्र के बाल चिकित्सा कार्यबल ने सिफारिश की है कि इन्फ्लूएंजा के खिलाफ सभी बच्चों का टीकाकरण संभावित तीसरी लहर में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. बच्चों को फ्लू और कोविड दोनों वैक्सीन दिये जाने के सवाल पर डॉ शेठी ने कहा कि दोनों वैक्सीन अलग-अलग हैं. दो टीकों के बीच कम से कम चार सप्ताह का अंतर होना जरूरी होता है. ताकि बच्चों में एंटीबॉडी विकसित होने का पर्याप्त समय मिल सके.
Posted By: Amlesh Nandan.