दिल्ली के आश्रम में नाबालिगों को बंधक बनाने का मामला : HC ने दिया CBI जांच का आदेश

नयीदिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोहिणी के एक आश्रम में बच्चियों और महिलाओं को कथित रूप से बंधक बनाकर रखे जाने के मामले की आज सीबीआइ जांच का आदेश दे दिया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने सीबीआइ निदेशक से कहा है कि इस मामले की जांच के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 20, 2017 5:00 PM

नयीदिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोहिणी के एक आश्रम में बच्चियों और महिलाओं को कथित रूप से बंधक बनाकर रखे जाने के मामले की आज सीबीआइ जांच का आदेश दे दिया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने सीबीआइ निदेशक से कहा है कि इस मामले की जांच के लिए विशेष दल गठित किया जाये और आश्रम में लड़कियों से कथितदुष्कर्म तथा आत्महत्याओं से जुड़ी सभी प्राथमिकियों से संबंधित दस्तावेजों को जब्त किये जाएं.

उच्च न्यायालय ने कल पुलिस को रोहिणी के आध्यात्मिक विश्व विद्यालय नामक आश्रम के परिसर का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था. अदालत ने कहा था कि यह बेहद खतरनाक है कि भगवान के संबंध में शिक्षा देने के नाम पर बच्चियों और महिलाओं को कथित रूप से गैर-कानूनी तरीके से बंधक बनाकर रखा गया है.

अदालत की ओर से नियुक्त समिति ने पीठ को बताया कि कल जब वे जांच के लिए आश्रम गये तो आश्रम के कुछ कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की और करीब एक घंटे तक उन्हें बंधक बनाये रखा. समिति ने पीठ को बताया कि आश्रम में 100 से ज्यादा लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है और उनमें से ज्यादातर नाबालिग हैं.

अदालत ने आश्रम की इमारत का निरीक्षण करने और यह जांच करने का आदेश दिया है कि क्या वहां किसी नाबालिग किशोर को भी बंधक बनाकर रखा गया है. इस दल ने यह भी आरोप लगाया है कि आध्यात्मिक विश्व विद्यालय में बच्चियों को जानवरों की तरह लोहे की सलाखों के पीछे रखा गया था और वह कांटेदार बाडे से घिरी हुई थीं. अदालत को समिति ने बताया कि बच्चियों के नहाने के दौरान भी कोई निजता प्राप्त नहीं थी.

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