इंजीनियरिंग शब्दावली निर्माण शुरू, 18000 शब्दों का होगा त्रैभाषिक संस्करण

फोटो - दीपक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तकनीकी शिक्षा को मातृभाषा से जोड़ने की तैयारी वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीआरएबीयू में राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ. इसका उद्देश्य

By LALITANSOO | October 7, 2025 8:24 PM

फोटो – दीपक

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तकनीकी शिक्षा को मातृभाषा से जोड़ने की तैयारी

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

बीआरएबीयू में राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप तकनीकी शिक्षा को मातृभाषा से जोड़ना है. विवि के मैथिली विभाग के संयोजकत्व में, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग (शिक्षा मंत्रालय) द्वारा प्रायोजित पारिभाषिक शब्दावली संग्रह (इंजीनियरिंग) के अंग्रेजी-हिन्दी-मैथिली संस्करण के निर्माण के लिए छह दिवसीय विशेषज्ञ सलाहकार समिति की बैठक केन्द्रीय पुस्तकालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई.

कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र राय ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी मातृभाषा के प्रति स्नेह का भाव रखना चाहिए. उन्होंने विशेष रूप से कहा कि घरों में बच्चों और पत्नी के साथ संवाद अपनी-अपनी मातृभाषा में ही होना चाहिए, ताकि मातृभाषा का अस्तित्व बचा रहे. नयी पीढ़ी के बच्चे बोलचाल में मातृभाषा की जगह हिन्दी का प्रयोग करने लगे हैं. नयी शिक्षा नीति में तकनीकी शिक्षा के पठन-पाठन को मातृभाषा में शुरू करने की पहल की सराहना की और कहा कि इसका दूरगामी और सकारात्मक प्रभाव देश पर पड़ेगा.

18000 शब्दों का त्रैभाषिक संस्करण तैयार

वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग से आए आयोजन सचिव दीपक कुमार ने बताया कि लगभग 18000 तकनीकी शब्दों का अंग्रेजी-हिन्दी-मैथिली संस्करण का निर्माण हो चुका है. इस छह दिवसीय कार्यशाला सह विशेषज्ञ सलाहकार समिति की बैठक में मैथिली में इंजीनियरिंग के शब्दों का निर्माण कार्य सम्पन्न हो जायेगा. इसके बाद तकनीकी विषयों की मैथिली भाषा में पुस्तकों का लेखन कार्य आसान हो जायेगा. बैठक में प्रो इन्दुधर झा, डॉ विजयेंद्र झा भी रहे. वीसी ने विद्यापति रचित ””””कीर्तिगाथा”””” पुस्तक के नये संस्करण का लोकार्पण भी किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है