Tripura Election Result Updates in Hindi: पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 33 सीट जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है. पूर्वोतर के तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों से एक में अपने दम पर स्पष्ट और दूसरे में सहयोगी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ बहुमत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भाजपा की लगातार जीत का श्रेय पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों के कार्यों, उनकी कार्य संस्कृति तथा पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्पण की ‘त्रिवेणी’ को जाता है. जानें पल पल की जानकारी यहां..
त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 33 सीट जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है. 2018 के चुनाव की तुलना में दोनों दलों को 10 सीट कम मिली हैं लेकिन स्पष्ट जनादेश के कारण नयी पार्टी टिपरा मोथा की मदद के बिना गठबंधन पांच साल तक शासन कर सकता है. टिपरा मोथा ने 13 सीट पर जीत दर्ज की. पूर्ववर्ती राजघराने के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने दो साल पहले टिपरा मोठा का गठन किया था. वाम-कांग्रेस गठबंधन ने 14 सीट हासिल कीं. देबबर्मा की पार्टी ने जनजातीय क्षेत्र में वाम दल के वोट में सेंध लगाई.
त्रिपुरा CM माणिक साहा ने कहा, भाजपा की विशाल जीत हुई है, मैं इसके लिए त्रिपुरावासी को शुभकामनाएं देता हूं. आज शांतिपूर्ण तरीके से मतगणना संपन्न हुई. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने चुनाव की रणनीति तैयारी की और आज हमें जीत हासिल हुई है, इसके लिए मैं PM को भी धन्यवाद करता हूं.
जीत का प्रमाण पत्र प्राप्त करने पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि जीतने के बाद ये सर्टिफिकेट मिल रहा है तो बहुत अच्छा लग रहा है. मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद करता हूं.
उत्तर पूर्व में चुनाव के परिणामों पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उत्तर पूर्व में अभी भारतीय जनता पार्टी का ही प्रभाव चलेगा. त्रिपुरा CM डॉ. माणिक साहा ने कहा कि हमने पहले ही बोला थी कि भाजपा बहुमत की सरकार बनाएगी. मैं PM मोदी, अमित शाह, जे.पी. नड्डा और राजनाथ सिंह जी का धन्यवाद करता हूं. हम चुनाव के बाद की समीक्षा करेंगे कि जितनी सीट आनी चाहिए उतनी क्यों नहीं आईं. शपथ ग्रहण की तारीख केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा.
राष्ट्रीय दलों के बीच इस लड़ाई में प्रद्योत देबबर्मा के नेतृत्व वाला तीपरा मोथा भी त्रिपुरा में है जो एक प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावी ताकत के रूप में उभरा है। जनजातीय आबादी के एक बड़े हिस्से के बीच इसके प्रभाव ने पारंपरिक पार्टियों को परेशान किया है. इसके संस्थापक देबबर्मा पूर्ववर्ती शाही परिवार के वंशज हैं और राज्य की जनजातीय आबादी में उनका खासा प्रभाव माना जाता है. पिछले चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने जनजातीय क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया था.
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