Happy Ganesh Chaturthi 2020, Wishes, Images, Quotes, Status, Messages, SMS, Pics, cards, GIF : गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2020) को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) भी कहा जाता है. देश भर में गणेश चतुर्थी को लेकर उत्साह का माहौल है. आम से लेकर खास लोग तक भगवान गणेश की पूजा में लीन हैं. विघ्नहर्ता भगवान गणेश से दुख-दर्द दूर करने की मांग कर रहे हैं. गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना (Happy Ganesh Puja) जारी है. यह त्योहार हर वर्ष शुक्ल पक्ष के चतुर्थी को मनाया जाता है. इस साल कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच गणपति पूजा (Happy Ganpati Puja) मनायी जा रही है. कोरोना संकट के कारण त्योहार को आम तरीके से मनाया जा रहा है. ऐसे में इस पर्व को खास बनाने के लिए यहां से भेजें शुभकामनाएं संदेश (Happy Ganesh Puja wishes)...
स्वयं की बुराइयों को करिए पराजित स्वयं
स्वयं में नवस्फूर्ति का समावेश कीजिए
करिए हृदय परिवर्तन, करिए दुखों का मर्दन
आज से ही क्रोध, लोभ मुक्त जीवन कीजिए
शुद्ध करो आचरण, शुद्ध हो अंतःकरण
प्रेम, सत्य का स्वयं में परिवेश कीजिए
अच्छाई को अर्जित कर, बुराई पराजित कर
जीवन में परमानंद का श्रीगणेश कीजिए...
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा..।।
शिवजी के प्यारे, लड्डु खा के मुशक सवारे,
वो है देवा गणेश हमारे श्री गणेशा देवा श्री गणेशा देवा।
वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
सुख करता जय मोरया, दुख हरता जय मोरया।
गणपति बाप्पा मोरया।
॥ॐ गं गणपतये नमः॥
॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥
॥ॐ गजमुखाय नमः॥
॥ॐ लम्बोदराय नमः॥
॥ॐ वक्रतुण्डाय नमः॥
॥ॐ एकदन्ताय नमः॥
॥ॐ चतुर्होत्रै नमः॥
॥ॐ सर्वेश्वराय नमः॥
॥ॐ विघ्न नाशनाय नमः॥
॥ॐ गणाध्यक्षाय नमः॥
॥ॐ विकटाय नमः॥
॥ॐ विनायकाय नमः॥
॥ॐ कपिलाय नमः॥
॥ॐ गजकरणीकाय नमः॥
॥ॐ सुमुखाय नमः॥
॥ॐ सिद्धि विनायकाय नमः॥
गणपती बाप्पा मोरया, मंगलमुर्ती मोरया !!!
भक्ति गणपति. शक्ति गणपति.
सिद्दी गणपति, लक्ष्मी गणपति
महा गणपति, देवो में श्रेष्ठ मेरे गणपति
हैप्पी गणेश चतुर्थी
धरती पर बारिश की बुंदे बरसे,
आप के ऊपर अपनों का प्यार बरसे.
“गणेशजी” से बस यही दुआ हैं..
आप ख़ुशी के लिए नहीं,
ख़ुशी आप के लिए तरसे..
ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें।
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश
ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।
- एक पैन को आंच पर गर्म करें
- उसमें नारियल पाउडर और गुड़ डाल दें.
- इस मिश्रण को पांच मिनट तक तलें
- अब इसमें जायफल और केसर को मिला दें
- हल्के से मध्यम आंच में पांच मिनट तक इस मिश्रण को पकने दें.
- दूसरी तरफ, एक बर्तन में नमक, आटा और पानी डाल दें,
- ऊपर से उसमें घी डाल दें और सबको मिलाएं,
- अब इसे आंच पर चढ़ा कर थोड़ा पकने दें
- जब इसका मिश्रण पक कर आधा न रह जाए
- अब हल्के गर्म गूंथे आटे को अच्छी तरह से गूंथ लें.
- इससे छोटे-छोटे आकार का लोई बना लें.
- इसे अपने जरूरत अनुसार शेप दे दें, आमतौर फूल शेप में होते है ले मोदक
- भरावण मिश्रण से इसे शेप को खोल-खोल कर भरें, फिर बंद कर दें
- अब इन्हें मलमल कपड़े से हल्की भांप पर करीब 10-15 मिनट तक पकाने दें.
- बीच-बीच में निकाल कर देख लें
- आपका मोदक तैयार है. अब इसका भोग लगाएं
आपको बता दें कि गणेश चतुर्थी का त्योहार इस बार 22 अगस्त यानि शनिवार को मनाया जा रहा है. इस पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. आमतौर पर 10 दिन इस त्योहार को मनाया जाता है. कोरोना और लॉकडाउन के बीच इस बार यह सामान्य रूप से आयोजित नहीं किया जा सकेगा. ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद की चतुर्थी के दिन ही श्री गणेश जी का जन्म हुआ था. उन्हें विध्नहर्ता कहा जाता है. गणेश पूजा के लिए गणेश प्रतिमा, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली, अक्षत यानी साबुत चावल, कलावा, इलाइची, नारियल, चांदी का वर्क, जनेऊ, सुपारी, घी, कपूर, लौंग पंचमेवा, पूजा वाला चौकी, लाल कपड़ा और गंगाजल आदि चीजों की जरूरत पड़ती है.
भाद्रपद शुक्लपक्ष चतुर्थी रात्रि-11:34 उपरांत
पंचमी
शुभसंवत-2077,शाके-1942,हिजरीसन-1442-43
सूर्यास्त-06:23
सूर्योदय-05:37
सूर्योदयकालीननक्षत्र-हस्त.उपरांत चित्रा,साध्य-योग,व.-करण
सूर्योदयकालीन ग्रह-विचार-
सूर्य-कर्क,चन्द्रमा-कन्या,मंगल-मीन,बुध-सिंह
गुरु-धनु,शुक्र-मिथुन,शनि-धनु,राहु-मिथुन,केतु-धनु
सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक
दूसरा शाम 4 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक
रात में 9 बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक
वर्जित चंद्रदर्शन का समय 8 बजकर 47 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक
चतुर्थी तिथि आरंभ 21 अगस्त की रात 11 बजकर 02 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त 22 अगस्त की रात 7 बजकर 56 मिनट तक
प्रात: 06:00 से 07:30 तक चर
प्रातः 07:30 से 09:00 तक लाभ
प्रातः 09:00 से 10:30 बजे तक अमृत
प्रातः10:30 बजे से 12:00 बजे तक काल
दोपहरः 12:00 से 01:30 बजे तक शुभ
दोपहरः 01:30 से 03:00 बजे तक रोग
दोपहरः 03:00 से 04:30 बजे तक उद्वेग
शामः 04:30 से 06:00 तक चर
भगवान गणेश मूर्ति की स्थापना करने के लिए सबसे पहले लाल वस्त्र चौकी पर बिछाकर स्थान दें, इसके साथ ही एक कलश में जलभरकर उसके ऊपर नारियल रखकर चौकी के पास रख दें. फिर उन्हें पान, सुपारी, लड्डू, सिंदूर, दूर्वा चढ़ाएं. इसके बाद दोनों समय गणपति की आरती, चालीसा का पाठ करें. प्रसाद में लड्डू का वितरण करें.
नवरात्र में माता दुर्गाजी को शहद को भोग लगाने से भक्तो को सुंदर रूप प्राप्त होता है व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है।
आराधनाःॐ सौम्यरुपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नौ सौम्यः प्रचोदयात् ॥
खरीदारी के लिए शुभ समयःदोपहरः12:00 से 01:30 बजे तक लाभ
राहु काल:10:30 से 12:30 बजे तक.
दिशाशूल-नैऋत्य एवं पश्चिम
।।अथ राशि फलम्।।
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनोकामना पूर्ति
जय देव जय देव...
आप सबको श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं.
ज्वाला सी जलती है आंखों में
जिसके भी दिल में तेरा नाम है
परवाह ही क्या उसका
आरंभ कैसा है और कैसा परिणाम है
धरती अंबर सितारे
उसकी नज़रें उतारें
डर भी उससे डरा रे
जिसकी रखवालिया रे करता साया तेरा
हे देवा, श्री गणेशा देवा, श्री गणेशा...
तेरी भक्ति...
सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी,
तुम बिना काम ना सरे, अरज सुन मेरी।
रिध सिध को लेकर करो भवन में फेरी
करो ऐसी कृपा नित करूं मैं पूजा तेरी।
गणेश चतुर्थी की शुभ कामनाएं!
Posted By : Sumit Kumar Verma
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