Gita Updesh: जीवन में सिर्फ एक ही सच्चा साथी है वो है भगवान

Gita Updesh in Hindi: जीवन में सच्चा साथ केवल भगवान ही देते हैं, बाकी सब क्षणिक है। गीता के इस उपदेश से जानें क्यों सांसारिक चीजों से मोह कम करना चाहिए.

By Pratishtha Pawar | May 13, 2025 8:41 AM

Gita Updesh: जब जीवन की मुश्किलें हमें घेर लेती हैं, तो हम अक्सर दूसरों से सहारा पाने की उम्मीद करते हैं. लेकिन भगवद गीता हमें एक महत्वपूर्ण सच्चाई का बोध कराती है- इस संसार में हमारे साथ सच्चा और अटल कोई है, तो वह केवल ईश्वर हैं. गीता का यह उपदेश हमें जीवन की सच्चाई से रूबरू कराता है और सिखाता है कि बाहरी वस्तुओं व संबंधों से मोह कम कर केवल ईश्वर में श्रद्धा रखनी चाहिए.

True Companion in Life According to Gita Updesh: संसार से नहीं, भगवान से करें उम्मीद

एक भगवान के सिवाय कोई ऐसी चीज है ही नहीं, जो हमारा साथ रहे और हम उसके साथ रहें. सांसारिक वस्तुएं तो केवल आने-जाने वाली हैं.

जो चीजें हमेशा साथ नहीं निभा सकतीं, उनसे उम्मीदें नहीं पालनी चाहिए. और जो हमेशा साथ है– जैसे परमात्मा– उन्हीं में मन लगाना चाहिए.

-गीता सार

Expectations Quotes in Gita: बाहरी चीजों से साथ की उम्मीद क्यों न रखें?

Stress signs

1. जीवन में रिश्ते समय और परिस्थितियों के साथ बदलते हैं. जो आज आपके करीब हैं, जरूरी नहीं कि कल भी साथ होंगे. इसलिए किसी के साथ को स्थायी मानना गलत धारणा है.

2. वस्तुएं नश्वर हैं- धन, सौंदर्य, पद या वैभव – ये सब समय के अनुसार घटते-बढ़ते रहते हैं. इनसे मानसिक लगाव केवल दुख और निराशा का कारण बनता है.

3. मोह के कारण होती है पीड़ा- जब हम किसी व्यक्ति या वस्तु से अत्यधिक लगाव कर बैठते हैं, और वह साथ छोड़ देता है, तो हम टूट जाते हैं. गीता हमें सिखाती है कि इस दुख का कारण हमारी खुद की उम्मीदें और मोह होते हैं.

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Attachment Quote in Gita: सांसारिक चीजों से मोह कैसे कम करें?

True companion in life according to gita: संसार से नहीं, भगवान से करें उम्मीद

1. आत्मबोध का विकास करें- गीता का मूल उद्देश्य आत्मज्ञान है. जब हम समझ जाते हैं कि हमारा सच्चा स्वरूप आत्मा है– न कि शरीर, वस्तु या संबंध – तब हम भौतिक चीजों से दूरी बना पाते हैं.

2. नियमित रूप से गीता का अध्ययन करें: गीता का रोज अध्ययन मन को शांति देता है और विचारों को स्थिर करता है. यह हमें सिखाता है कि संसार क्षणभंगुर है और केवल ईश्वर शाश्वत हैं.

3. कृतज्ञता और त्याग का अभ्यास करें. जो कुछ भी हमारे पास है, उसे ईश्वर का प्रसाद मानें. इससे लोभ और संग्रह की प्रवृत्ति घटती है और हमारा मोह कम होता है.

4. ध्यान और भक्ति करें- रोज ध्यान, जप या भजन के माध्यम से मन को ईश्वर में लगाना चाहिए. जब मन भगवान से जुड़ता है, तो बाहरी चीजों की पकड़ अपने आप ढीली हो जाती है.

Bhagavad Gita teachings on life हमें यह सिखाती है कि जीवन में सिर्फ एक ही सच्चा साथ है – और वह है भगवान का. जब हम इस सच्चाई को समझ लेते हैं, तो जीवन की हर परिस्थिति को शांति और संतुलन के साथ स्वीकार कर सकते हैं. मोह से मुक्त होकर, भक्ति के मार्ग पर चलकर ही हम सच्चे सुख और शांति को पा सकते हैं.

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