Chanakya Niti: ऐसे पुरुष खुद ही उजाड़ देते हैं अपने घर-परिवार की खुशियां! जीवन में कभी नहीं मिलती सुख-शांति और समृद्धि
Chanakya Niti: चाणक्य नीति में कुछ ऐसे पुरुषों का जिक्र मिलता है जिनकी कुछ आदतों की वजह से उनका अपना ही घर और परिवार उजड़कर रह जाता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार इन पुरुषों के साथ जो भी अपना जीवन बिताता है उसे भी उतनी ही तकलीफ झेलनी पड़ती है.
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपने समय के सबसे ज्ञानी और समझदार पुरुष के तौर पर भी जाना जाता है. वे सिर्फ एक महान पॉलिटिशियन या पॉलिसी मेकर ही नहीं थे बल्कि मानव स्वभाव की अच्छी खासी समझ भी उन्हें थी. अपने जीवनकाल के दौरान उन्होंने कई तरह के मुद्दों पर खुलकर बात की और इन्हें ही हम आज के समय में चाणक्य नीति के नाम से भी जानते हैं. अपनी नीतियों में आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे पुरुषों का जिक्र किया है जो अपने ही घर और परिवार के उजड़ने का कारण बनते हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार इस तरह के पुरुष के साथ अगर आपको अपनी जिंदगी बितानी पड़े तो आपका जीवन भी दुख और तकलीफ में ही बीतता है. अपनी नीतियों में आचार्य चाणक्य ने इस तरह के सभी पुरुषों को असफल व्यक्ति की श्रेणी में रखना है. तो चलिए इनके बारे में जानते हैं विस्तार से.
पत्नी का अपमान करने वाला पुरुष
आचार्य चाणक्य कहते हैं अगर कोई भी पुरुष अपनी पत्नी का बार-बार अपमान करता है या फिर कभी भी उसे इज्जत नहीं देता तो वह एक असफल पुरुष और पति है. अगर किसी भी पुरुष में यह आदत है तो उसके घर में कभी भी सुख-शांति और समृद्धि ठहरती नहीं है. अगर आपको इस तरह के पुरुष के साथ अपनी जिंददगी बितानी पड़े तो यह किसी नर्क के अनुभव से कम नहीं है.
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पराई स्त्री पर नजर डालने वाला पुरुष
चाणक्य नीति के अनुसार अगर किसी भी पुरुष में पराई स्त्री पर नजर डालने की आदत होती है तो वह अपना घर और परिवार खुद ही उजाड़ लेता है. इस तरह के जो पुरुष होते हैं उनका विनाश तय होता है.
कर्ज के सहारे जीवन बिताने वाले पुरुष
कुछ ऐसे पुरुष भी होते हैं जिन्हें आये दिन दूसरों से कर्ज लेना पड़ता है ताकि उसका घर और परिवार गुजारा कर सके. आचार्य चाणक्य के अनुसार इस तरह के जो पुरुष होते हैं वे दूसरों के भरोसे जीने की इस आदत की वजह से अपने ही घर और परिवार की बर्बादी का कारण बनते हैं.
जिम्मेदारियों को बोझ समझने वाले पुरुष
हर पुरुष की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने घर और परिवार की जिम्मेदारी बिना घबराये उठा सके. लेकिन, अगर कोई पुरुष इन जिम्मेदारियों को बोझ समझता है या फिर इनसे दूर भागता है तो उसका परिवार कभी नहीं जीवन में खुश और समृद्ध नहीं रह सकता है. इस तरह के पुरुषों को समाज में हमेशा जिल्लत और अपमान का सामना करना पड़ता है.
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