26.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : चतरा नक्सली हमले में घायल जवान को दिल्ली किया गया एयरलिफ्ट, हालत गंभीर

सदर थाना क्षेत्र के बैरियो में उग्रवादी हमले के बाद से उग्रवादियों के खिलाफ लगातार क्षेत्र में अभियान चलाया जा रहा हैं. अभियान में सीआरपीएफ, कोबरा, जैप, आईआरबी जवान शामिल हैं.

तसलीम/चतरा : उग्रवादी हमले में घायल आकाश सिंह की स्थिति चिंताजनक बनी हुई हैं. लगातार स्वास्थ्य बिगड़ रही हैं. उनका ईलाज रांची के ऑर्किड मेडिकल सेंटर में चल रहा था. शुक्रवार को उन्हें बेहतर ईलाज के लिए एयरलिफ्ट से दिल्ली ले जाया गया. आकाश के शरीर में एक गोली अभी भी फंसा हुआ हैं. रांची के अस्पताल में चिकित्सक गोली को नहीं निकाल पाये. इसके कारण उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया गया हैं. मालूम हो कि उसके दाहिने कंधे में दो गोली लगी थी, जिसमें एक नॉर्मल जगह पर लगा गोली सदर अस्पताल चतरा में ही निकाला गया था. इसके बाद यहां से रांची हेलीकॉप्टर से भेजा गया था. जहां दो दिन भर्ती रहने के बावजूद भी हड्डी में फंसा गोली नहीं निकल पाया.

फोरेंसिक टीम कर रही हैं मामले की जांच

सदर थाना क्षेत्र के बैरियो में उग्रवादी हमले के बाद से उग्रवादियों के खिलाफ लगातार क्षेत्र में अभियान चलाया जा रहा हैं. अभियान में सीआरपीएफ, कोबरा, जैप, आईआरबी जवान शामिल हैं. बैरिया, गम्हारतरी समेत अन्य आसपास के जंगलो में जवान अभियान चला रहे हैं. वहीं दूसरी ओर फोरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही हैं. घटनास्थल पर पहुंचकर फोरेंसिक टीम मामले की गहन से जांच कर रही हैं. मालूम हो कि गुरूवार को सदर पुलिस, वशिष्ठ नगर पुलिस व वन विभाग पोस्ता (अफीम) नष्ट करने के लिए गम्हारतरी गयी थी. करीब तीन एकड़ में लगी पोस्ता की खेती को नष्ट कर लौट रही थी. इस दौरान पहले से घात लगाये टीएसपीसी उग्रवादियों ने बैरियो के पास ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे. जवानो को संभलते-संभलते उग्रवादियों ने कई राउंड गोलियां चला दी. इसके बाद जवानो ने भी जवाबी फायरिंग किया था. इस उग्रवादी हमले में दो जवान शहीद हो गये. वहीं तीन जवान घायल हो गये थे.

दिनभर होती रही चर्चा

उग्रवादी हमले में दो जवानो को शहीद होने पर लोग दुख जताया. लेकिन शुक्रवार को दिनभर चौक-चौराहो पर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में लाठी वाले जवानो को भेजने की बात की चर्चा होती रही. वरीय पुलिस पदाधिकारियों को कोसते नजर आये और घटना का जिम्मेवार ठहराया. लोगों का कहना था कि प्रतिनियुक्त पीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जवानो को पोस्ता नष्ट अभियान में नहीं भेजना चाहिए था. अभियान में डीएपी (डिस्ट्रिक्ट आर्म्स पुलिस) को भेजना चाहिए था और क्षेत्र में जवानो को गश्त करते रहना चाहिए था. मॉनेटरिंग सही से की जाती तो इस तरह की घटना नहीं होती.

Also Read: VIDEO: चतरा में आठ जवानों को लाठी देकर अफीम की फसल नष्ट करने भेजा गया था, DGP ने मांगी रिपोर्ट

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें