August Phool Ke Pakode: जितिया व्रत में क्यों बनाए जाते हैं अगस्त फूल के पकोड़े? जानिए धार्मिक और सेहतमंद कारण

August Phool Ke Pakode: यह व्रत कठोर उपवास के लिए प्रसिद्ध है, और पारंपरिक रूप से इसमें खास प्रकार के व्यंजन बनाए और खाए जाते हैं. इन्हीं पारंपरिक व्यंजनों में से एक है, अगस्त फूल का पकोड़ा.

By Prerna | September 11, 2025 9:53 AM

August Phool Ke Pakode: जितिया व्रत, जिसे जिवितपुत्रिका व्रत भी कहा जाता है, भारत के बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है, जिसे माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं. यह व्रत कठोर उपवास के लिए प्रसिद्ध है, और पारंपरिक रूप से इसमें खास प्रकार के व्यंजन बनाए और खाए जाते हैं. इन्हीं पारंपरिक व्यंजनों में से एक है, अगस्त फूल का पकोड़ा. यह केवल एक स्वादिष्ट पकवान नहीं, बल्कि एक धार्मिक और औषधीय दृष्टि से महत्वपूर्ण खाद्य है. अगस्त फूल न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है, बल्कि यह मानसून के बाद आने वाले संक्रमणों से भी रक्षा करता है. यही कारण है कि जितिया व्रत के पारणा के समय, माताएं इसे जरूर बनाती हैं. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि जितिया व्रत में अगस्त फूल का पकोड़ा क्यों खाया जाता है, इसका धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व क्या है, और इसे बनाने की आसान विधि क्या है.

अगस्त फूल के पकोड़े की बनाने के लिए सामग्री :

  • अगस्त फूल – 8-10 फूल (ताज़े और साफ़ किए हुए)
  • बेसन (चने का आटा) – 1 कप
  • अजवाइन – 1/2 चम्मच
  • हल्दी पाउडर – 1/4 चम्मच
  • लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच (स्वादानुसार)
  • नमक – स्वादानुसार
  • पानी – घोल बनाने के लिए
  • तेल – तलने के लिए

 बनाने की विधि :

  1. सबसे पहले अगस्त फूलों को धोकर उनका डंठल और सख्त भाग हटा दें.
  2. एक बर्तन में बेसन लें. उसमें हल्दी, मिर्च, नमक और अजवाइन डालें.
  3. थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर गाढ़ा घोल (batter) तैयार करें. घोल न ज्यादा पतला हो, न ज्यादा गाढ़ा.
  4. अब कढ़ाई में तेल गरम करें.
  5. हर अगस्त फूल को बेसन के घोल में डुबोकर गरम तेल में डालें.
  6. दोनों तरफ से सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें.
  7. तले हुए पकोड़ों को किचन पेपर पर निकाल लें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए.

अगस्त फूल का महत्व:

  1. शुद्धता का प्रतीक – जितिया व्रत में पवित्रता बहुत जरूरी मानी जाती है, और अगस्त फूल एक शुद्ध और सात्विक वनस्पति मानी जाती है.
  2. पाचन शक्ति को सुधारता है – अगस्त फूल में प्राकृतिक औषधीय गुण होते हैं, जो व्रत के बाद पाचन में मदद करते हैं.
  3. पौराणिक महत्व – लोक मान्यता है कि जितिया व्रत के भोजन में अगस्त फूल का पकोड़ा बनाना देवी-देवताओं को प्रसन्न करता है और संतान की लंबी उम्र के लिए शुभ माना जाता है.
  4. ऋतु के अनुसार संतुलन – सितंबर के महीने में जब जितिया व्रत आता है, तब मौसम में बदलाव होता है. अगस्त फूल शरीर के अंदर गर्मी और ठंडक के संतुलन में मदद करता है.

यह भी पढ़ें: Jitiya Special Madua Pua: जितिया में क्या है मड़ुआ पुआ का महत्व, जानिए इसके पीछे के खास कारण

यह भी पढ़ें: Satputia Ki Sabji: कम तेल मसाले में तैयार करें ये स्वादिष्ट सब्जी, स्वाद और सेहत दोनों का है मेल

यह भी पढ़ें: Jitiya Vrat 2025: नहाय-खाय और पारण में जरूर शामिल करें ये 5 पारंपरिक चीजें, सेहत और संतान दोनों के लिए हैं वरदान

 

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.