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मसल्स क्रैम्प्स और थकान हो तो करा लें मैग्नीशियम की जांच, जानें किस तरह है शरीर के लिए फायदेमंद

मैग्नीशियम ह्यूमन बॉडी में पाए जाने वाला एक माइक्रोन्यूट्रिएंट है. इसकी कमी से शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती है. इससे शरीर के कई अहम भागों पर असर पड़ता है.

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मसल्स क्रैम्प्स और थकान हो तो करा लें मैग्नीशियम की जांच, जानें किस तरह है शरीर के लिए फायदेमंद 2

मैग्नीशियम एक तरह का खनिज है जो मसल्स, नर्भ, हड्डियां और ब्लड शुगर के लिए आवश्यक है. इसकी कमी तब होती है जब आपके शरीर को सामान्य रूप से मैग्नेशियम नहीं मिल पाता है. इसकी कमी से खासतौर पर मसल्स, डाइजेस्टिव सिस्टम और नर्व्स संबंधी बीमारियां होती है. जब हमारे डाइट से मैग्नीशियम की पूर्ति पर्याप्त रूप से नहीं हो पाती, तब इसका असर दिखने लगता है. शरीर में मैग्नीशियम की कमी को कैसे समझें और उसका निदान कैसे करें, आइए जानें.

मसल्स क्रैम्प्स

हमारी मांसपेशियों के कॉनट्रैक्ट और रिलैक्स होने की वजह से मूवमेंट होता है. शरीर की मांसपेशियों को कॉन्ट्रैक्ट करने और रिलैक्स करने के लिए मैग्नीशियम की जरूरत होती है। मैग्नीशियम की कमी की वजह से इसमें रुकावट हो सकती है। इसी वजह से शरीर में बार-बार मसल्स क्रैम्प्स होते हैं.

मैग्नीशियम की कमी के संकेत
  • मैग्नीशियम की कमी होने से भूख लगना कम हो जाता है.

  • थकान और कमजोरी का महसूस होना.

  • ज्यादा कमी होने पर उल्टी होना.

  • मांसपेशियों में अक्सर क्रैम्प या कंपकंपी.

  • हृदय की धड़कनें असामान्य हो जाना.

  • एंग्जायटी की समस्या भी इसकी कमी से होती है.

ये होती हैं परेशानियां
  • लंबे समय तक इसकी कमी रहने से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज हो सकते हैं.

  • डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस और माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है.

  • मैग्नीशियम एनर्जी के उत्पादन में अहम भूमिका तय करता है. इसकी कमी की वजह से लोगों में थकावट की समस्या होती है.

  • मैग्नीशियम की कमी की वजह से नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है.

  • इससे एंग्जायटी अर्थात मूड खराब रहने जैसी परेशानियां हो सकती है और डिप्रेशन में दौरे पड़ते हैं.

इल्कट्रोलाइट्स बैलेंस करता है

मैग्नीशियम शरीर के इल्कट्रोलाइट्स को संतुलित करता है. इसलिए इसकी कमी से कई बॉडी फंक्शन प्रभावित हो सकते हैं. मांसपेशियों में क्रैम्प्स आना भी इसकी एक वजह होती है.

मैग्नीशियम की कमी की जांच

मैग्नीशियम की कमी की जांच ब्लड टेस्ट से की जाती है. यूरिन टेस्ट से भी इसकी कमी की जांच की जा सकती है. मैग्नीशियम, कैल्शियम व पोटेशियम की जांच ब्लड व यूरिन के टेस्ट से होती है.

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बैलेंस डाइट लेकर मैग्नीशियम की कमी को पूरा किया जा सकता है. खाने में पत्तेदार हरी सब्जियों को शामिल करें. फल ज्यादा से ज्यादा खाएं. दाने, बीज और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए. इससे मैग्नीशियम की कमी पूरी होती है. इसकी कमी ज्यादा होने पर इसके लिए टैबलेट्स का भी सेवन किया जा सकता है. केला में मैग्नेशियम की मात्रा बहुत अधिक होती है.

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