Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2: शांति निकेतन छोड़ते ही तुलसी करेगी जान देने की कोशिश, गायत्री और नॉयना की साजिश का शिकार होगा मिहिर
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2: ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के आने वाले एपिसोड में बड़ा ट्विस्ट आने वाला है. मिहिर के धोखे से टूटकर तुलसी घर छोड़ देती है, वहीं गायत्री और नॉयना शांति निकेतन पर कब्जे की साजिश रचती हैं. 6 साल के लीप के बाद मिहिर को अपने प्यार का एहसास होगा और वह तुलसी को मनाने की कोशिश करेगा.
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2: टीवी का पॉपुलर सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ एक बार फिर जबरदस्त मोड़ पर आ खड़ा हुआ है. आने वाले एपिसोड्स में ऐसा ड्रामा देखने को मिलेगा, जो दर्शकों को भावुक भी करेगा और चौंकाएगा भी. तुलसी और मिहिर के रिश्ते में आई दरार अब कहानी को बिल्कुल नई दिशा में ले जाने वाली है. अभी तक आपने देखा कि तुलसी को पता चल जाता है कि मिहिर ने उससे कई बातें छुपाईं है और धोखा देने की कोशिश की, जिसके बाद तुलसी पूरी तरह टूट जाती है और शांति निकेतन छोड़ने का फैसला कर लेती है.
जान देने की कोशिश करती है तुलसी
घर छोड़ने के बाद वह इतना कमजोर महसूस करती है कि अपनी जान देने तक की कोशिश करती है. लेकिन तभी एक अनजान शख्स उसकी जान बचा लेता है और समझाता है कि जिंदगी कितनी अनमोल होती है. यह शख्स तुलसी को जीवन का असली मतलब समझाता है, उसे हिम्मत देता है और आगे बढ़ने का रास्ता दिखाता है. बाद में तुलसी को अहसास होता है कि वह कोई आम इंसान नहीं, बल्कि स्वयं उसके ठाकुर जी थे. भगवान के दर्शन के बाद तुलसी मिहिर को माफ करने का फैसला नहीं करती. वह साफ कहती है कि अब वह पुराने रिश्ते में वापस नहीं लौट सकती.
चॉल में जिंदगी गुजारगी तुलसी
तुलसी अंगद से मिलने जाती है और अपने दिल का सारा दर्द उसके सामने खोल देती है. वहीं वृंदा भी तुलसी का साथ देती है और उसे अपने घर में रहने की जगह देती है. अब तुलसी चॉल में एक साधारण जिंदगी जीने का फैसला करती है, जहां वह मिहिर की यादों के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश करेगी. दूसरी तरफ, तुलसी के घर छोड़ते ही शांति निकेतन में साजिशों का खेल शुरू हो जाता है. नॉयना मिहिर के घर कदम रखती है और उसका स्वागत गायत्री करती है. गायत्री नॉयना को शांति निकेतन में रहने के लिए उकसाती है और मिहिर के साथ उसकी नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश करती है.
मिहिर करेगा तुलसी को मनाने की कोशिश
गायत्री का मकसद पैसा और पावर है. वह नॉयना के साथ मिलकर मिहिर को पूरी तरह अपने जाल में फंसाना चाहती है. इसके लिए गायत्री किसी भी हद तक जा सकती है. वह नॉयना को मिहिर से शादी करने के लिए भी मजबूर करती है और दावा करती है कि दोनों मिलकर पूरे शांति निकेतन पर राज करेंगी. नॉयना भी इस चाल में उसका साथ देने को तैयार हो जाती है. तुलसी के जाने के बाद और 6 साल के लीप के बाद मिहिर को एहसास होगा कि वह तुलसी के बिना अधूरा है. वह उसे भूल नहीं पाएगा और एक बार फिर उसे मनाने की कोशिश करेगा.
