Bhojpuri Chhath Puja Song: सोलह श्रृंगार करके पति निरहुआ के लिए आम्रपाली दुबे ने रखा छठ का पहला व्रत, कहा- ‘पहिले पहिले बानी कईले छठी मईया’
Bhojpuri Chhath Puja Song: भोजपुरी इंडस्ट्री की पॉपुलर जोड़ी आम्रपाली दुबे और निरहुआ का 6 साल पुराना छठ गीत ‘पहिले पहिले बानी कईले छठी मईया’ यूट्यूब पर फिर वायरल हो रहा है. जानें गाने की खासियत, कलाकारों की केमिस्ट्री और नए छठ गीत की अपडेट.
Bhojpuri Chhath Puja Song: भोजपुरी इंडस्ट्री की सबसे पसंदीदा जोड़ी आम्रपाली दुबे और दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ एक बार फिर सुर्खियों में है. इनका छह साल पुराना (2019) छठ गीत ‘पहिले पहिले बानी कईले छठी मईया’ फिल्म ‘निरहुआ चलल लंदन’ से एक बार फिर यूट्यूब पर धमाल मचा रहा है.
इस गाने में आम्रपाली और निरहुआ को पारंपरिक अंदाज में छठ पूजा की रस्में निभाते हुए देखा जा सकता है. दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने एक बार फैंस का दिल जीत लिया है. ऐसे में अगर आप भी इस छठ एक दमदार भोजपुरी गीतों की प्लेलिस्ट तैयार करना चाहते हैं, तो आइए आपको इस गाने की डिटेल्स बताते हैं.
यहां देखें गाने का म्यूजिक वीडियो-
‘पहिले पहिले बानी कईले छठी मईया’ गीत की खासियत और व्यूज
गाने के वीडियो की शुरुआत में यह जोड़ी छठ पूजा की तैयारियों में व्यस्त नजर आती है, जबकि दूसरे हिस्से में निरहुआ पर गुंडों का हमला होता है और आम्रपाली भावुक होकर छठ का व्रत जारी रखती हैं. गाने को अब खबर लिखे जाने तक 59 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है और यह दोबारा से तेजी से वायरल हो रहा है. यह खूबसूरत ट्रैक कल्पना ने गाया है, इसके बोल प्यारे लाल यादव ने लिखे हैं, जबकि संगीत मधुकर आनंद ने दिया है. गाने का निर्माण सोनू खत्री ने किया है और इसे पशुपतिनाथ प्रोडक्शंस के बैनर तले रिलीज किया गया था.
खास बात यह है कि बहुत जल्द निरहुआ और आम्रपाली का एक नया छठ गीत रिलीज होने वाला है. हालांकि, इसके बारे में फिलहाल ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है.
इस साल कब मनाया जायेगा छठ?
छठ पूजा उत्तर भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो सूर्य देव और उनकी पत्नी उषा (छठी मैया) को समर्पित है. यह पर्व इस वर्ष शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 से मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा. इस अवसर पर भोजपुरी, मगही और मैथिली में कई भक्ति गीत सुनने को मिलते हैं, जिनमें ‘पहिले पहिले बानी कईले छठी मईया’ एक बार फिर सबसे ऊपर है.
बता दें कि यह गीत दिवंगत लोक गायिका शारदा सिन्हा के इसी टाइटल से मशहूर गीत से प्रेरित है.
