बोले ”टीआरपी मामा” पारितोष- मां का चेहरा देख कर होती है सुबह की शुरुआत

मुंबई : छोटे पर्दे पर ‘टीआरपी मामा’ के नाम से प्रसिद्ध पारितोष त्रिपाठी गेम शो ‘मूवी-मस्ती विद मनीष पॉल’ में नजर आ रहे हैं. पारितोष त्रिपाठी के लाइफ स्टाइल के बारे में हमने उनसे बात की. बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि मेरी सुबह की शुरुआत मां का चेहरा देख कर होती है. फिलहाल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2019 11:09 AM

मुंबई : छोटे पर्दे पर ‘टीआरपी मामा’ के नाम से प्रसिद्ध पारितोष त्रिपाठी गेम शो ‘मूवी-मस्ती विद मनीष पॉल’ में नजर आ रहे हैं. पारितोष त्रिपाठी के लाइफ स्टाइल के बारे में हमने उनसे बात की. बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि मेरी सुबह की शुरुआत मां का चेहरा देख कर होती है. फिलहाल मां मुंबई में मेरे साथ हैं. जब वो मुंबई में नहीं होतीं, तो सुबह सबसे पहले फोन पर उनका हालचाल लेता हूं. शाम में भी बात कर ही लेता है. सुबह योग या फिर मॉर्निंग वाक पर जाता हूं और फिर वहां से आने के बाद नहा कर पूजा करता हूं. मैं धार्मिक व्यक्ति हूं. मेरा मानना है आप कोई भी काम करें, माता-पिता के आशीर्वाद से ही ईश्वर की कृपा बनी रहेगी.

उन्होंने कहा कि सुबह मुझे पौष्टिक नाश्ता करता हूं. इससे दिन भर एनर्जी बनी रहती है. इसके बाद मैं अपने शो या बुक राइटिंग के काम में जुट जाता हूं. सास-बहू जैसे सीरियल में लेखन और अभिनय के साथ-साथ दूसरी तकनीकी चीजें भी होती हैं, जो दर्शकों का मनोरंजन करती हैं. मगर कॉमडी शो में एक अच्छे कलाकार का सब कुछ उसकी अच्छी स्क्रिप्ट पर निर्भर होता है. छुट्टी के दिन सह-कलाकारों से मिल लेता हूं. कुछ न कुछ क्रिएटिव चीजें करता रहता हूं.

एक्टर पारितोष त्रिपाठी ने आगे कहा कि मैं कभी डिस्को या पब नहीं जाता. अक्सर शाम को मेरे घर पर दोस्तों के साथ शेरो-शायरी की महफिल जमती है. कभी-कभी क्रिकेट खेलने जाता हूं. वहां भी दोस्तों से मुलाकात हो जाती है. सप्ताह में कितना भी व्यस्त क्यों न रहूं, थोड़ा समय निकालने की कोशिश करता हूं. कोई भी इंसान अगर 24 घंटे सिर्फ काम के बारे में सोचेगा, तो कुछ समय के बाद उसका शरीर और दिमाग काम करना बंद कर देगा. हमें थोड़ी देर के लिए ब्रेक भी लेना चाहिए, ताकि कुछ समय आप अपने और अपनों के साथ बिता सकें. कभी मन हुआ, तो कुछ खाने के लिए, तो खुद कुकिंग कर लेता हूं. घर की साफ-सफाई करना भी पसंद है. किताबें पढ़ने का भी शौक है. इसके अलावा फिल्में देखता हूं, जिससे बहुत कुछ सीखने को मिल जाता है.

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