Oscar 2019: ‘पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस’ को ऑस्कर मिलने से माहवारी के बारे में जागरूकता बढ़ेगी

मुंबई : भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में माहवारी के समय महिलाओं को होने वाली समस्याओं और सैनिटरी नैपकिन (पैड) की अनुपलब्धता को लेकर बने एक लघु वृत्तचित्र ‘पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस’ को ‘डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट’ श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार मिला है. इस वृत्तचित्र का निर्देशन रायका जेहताबाची ने किया है और निर्माता गुनीत मोंगा की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 25, 2019 9:40 PM
मुंबई : भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में माहवारी के समय महिलाओं को होने वाली समस्याओं और सैनिटरी नैपकिन (पैड) की अनुपलब्धता को लेकर बने एक लघु वृत्तचित्र ‘पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस’ को ‘डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट’ श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार मिला है.
इस वृत्तचित्र का निर्देशन रायका जेहताबाची ने किया है और निर्माता गुनीत मोंगा की ‘सिखिया एंटरटेनमेंट’ ने प्रोड्यूस किया है. मोंगा का कहना है कि इस पुरस्कार की वजह से माहवारी को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और इस मुद्दे को लेकर एक तरह की चुप्पी और इसे शर्मनाक मानने वाली मानसिकता खत्म होगी.
मोंगा ने इस पुरस्कार को एक बड़ी उपलब्धि बताया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनकी उपलब्धि नहीं है. मोंगा ने इसका श्रेय मंदाकिनी कक्कड़ और गौरी चौधरी के ‘एक्शन इंडिया’ को दिया है.
मोंगा ने कहा, हम में से प्रत्येक को दूसरी अन्य महिलाओं को आगे लाने की जरूरत है. यही मेरा मिशन है. एक स्वतंत्र प्रोड्यूसर के रूप में मेरे लिए यह कठिन है लेकिन मैं दूसरे लोगों की मदद करना चाहती हूं. इस फिल्म का प्रसारण अभी ऑनलाइन प्रसारणकर्ता ‘नेटफ्लिक्स’ कर रहा है.
यह डॉक्यूमेंट्री ‘ऑकवुड स्कूल इन लॉस एंजिलिस’ के विद्यार्थियों और उनकी शिक्षक मिलिसा बर्टन द्वारा शुरू किये गए ‘द पैड प्रोजेक्ट’ का हिस्सा है.
पुरस्कार स्कूल को समर्पित करते हुए मिलिसा बर्टन ने कहा कि इस परियोजना का जन्म इसलिए हुआ क्योंकि लॉस एंजिलिस के मेरे विद्यार्थी और भारत के लोग बदलाव लाना चाहते थे. इस वृत्तचित्र या लघु फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के ‘हापुड़’ की है.

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