Big Update: अब स्कूलों में पढ़ाई आसान! किताबों से छात्रों की दोस्ती कराएगी ‘कृपांक’ योजना, इन Class से फायदा
Students Reading Habit with Kripank Yojana 2025: बच्चों में पढ़ने की आदत बढ़ाने के लिए ‘कृपांक’ योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत छात्रों को रोचक किताबें और स्टडी मटीरियल दिया जाएगा, जिससे उनकी शब्दावली, सोचने की क्षमता और ज्ञान में वृद्धि होगी. यह कदम शिक्षा को मनोरंजक और प्रभावी बनाने की दिशा में अहम साबित होगा.
Students Reading Habit with Kripank Yojana 2025: आज की डिजिटल दुनिया में किताबों से जुड़ाव कम होता देख एक निर्णय लिया गया है. बच्चों को पढ़ने की आदत लगाना अब पहले से ज्यादा जरूरी समझा जा रहा है क्योंकि पढ़ने से न केवल ज्ञान बढ़ता है बल्कि सोचने और समझने की क्षमता भी विकसित होती है. इसी उद्देश्य से एक नई पहल शुरू की जा रही है, जिसके तहत स्कूली बच्चों को ‘कृपांक’ दिए जाएंगे. यहां आप इसके बारे में विस्तार से जानें.
क्या है ‘कृपांक’ योजना (Big Update)
समाचार एजेंसी के मुताबिक, केरल में सरकार ने घोषणा की है कि अगले शैक्षणिक वर्ष से सरकारी स्कूलों में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए छात्रों को ‘कृपांक’ प्रदान किए जाएंगे. इसके तहत किताबें, न्यूजपेपर और अन्य स्टडी-मटीरियल पढ़ने के लिए एक अलग पीरियड रखा जाएगा.
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कौन होगा शामिल? (Students Reading Habit with Kripank Yojana 2025)
- कक्षा 1 से 4 तक: साप्ताहिक सत्र केवल पठन गतिविधियों पर केंद्रित होंगे.
- कक्षा 5 से 12 तक: समाचार पत्र पढ़ने और उससे जुड़ी अन्य गतिविधियों के सत्र होंगे.
शिक्षकों को भी मिलेगा प्रशिक्षण
Students Reading Habit with Kripank Yojana 2025 को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को पठन-आधारित गतिविधियों के संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे बच्चों को रोचक तरीके से पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकें.
योजना का उद्देश्य क्या है?
- बच्चों में नियमित पढ़ने की आदत विकसित करना.
- ज्ञान और भाषा कौशल को बढ़ावा देना.
- किताबों और समाचार पत्रों के माध्यम से समझ को बढ़ाना.
Students Reading Habit with Kripank Yojana 2025
यह योजना न सिर्फ पढ़ने की आदत को बढ़ावा देगी बल्कि छात्रों के ओवरऑल डेवलपमेंट और नाॅलेज में भी मदद करेगी. रोज स्टडी से बच्चों की शब्दावली, सोचने की क्षमता और एकाग्रता में सुधार होगा. किताबों और न्यूजपेपर के माध्यम से उन्हें देश-दुनिया की लेटेस्ट जानकारी मिलेगी और वह आलोचनात्मक सोच (critical thinking) विकसित कर पाएंगे. साथ ही, शिक्षकों के प्रशिक्षण से पठन गतिविधियों को और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा. इस पहल से छात्रों में सीखने का उत्साह बढ़ेगा और उनकी शैक्षिक प्रदर्शन (academic performance) में भी सुधार होगा.
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