Supreme Court GST Car: दिव्यांगजनों की कार खरीद पर जीएसटी छूट क्यों नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
Supreme Court GST Car: सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगजनों की कार खरीद पर जीएसटी छूट समाप्त होने के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र और जीएसटी परिषद से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. याचिका में विकलांगता अधिकार अधिनियम 2016 के तहत रियायत बहाल करने की मांग की गई है. कोर्ट के हस्तक्षेप से दिव्यांगजनों की गतिशीलता और कर रियायतों पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस तेज होने की उम्मीद है.
Supreme Court GST Car: सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग व्यक्तियों को कार खरीद पर मिलने वाली जीएसटी रियायत में कमी को लेकर गंभीर रुख अपनाया है. कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार, जीएसटी परिषद और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. यह आदेश एक पूर्ण नेत्रहीन व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया.
याचिका में क्या कहा गया?
पूरी तरह से नेत्रहीन याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता सजल जैन के माध्यम से दायर याचिका में कहा कि पहले दिव्यांगजनों को वाहन खरीदने पर रियायती जीएसटी मिलता था, लेकिन मौजूदा बदलावों के बाद यह सुविधा प्रभावी रूप से समाप्त कर दी गई है. याचिका में मांग की गई है कि रियायती जीएसटी व्यवस्था को फिर से बहाल किया जाए, ताकि पात्र दिव्यांग व्यक्ति वाहन खरीद सकें और उनकी गतिशीलता बाधित न हो.
विकलांगता अधिकार अधिनियम, 2016 का हवाला
याचिका में विकलांगता अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 41 का उल्लेख किया गया है. यह धारा परिवहन के साधनों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर देती है. याचिकाकर्ता के अनुसार, कार खरीद पर रियायती जीएसटी हटाना सीधे तौर पर इस अधिनियम की भावना के खिलाफ है, क्योंकि इससे दिव्यांगजनों की स्वतंत्र आवाजाही पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
कोर्ट का रुख और आगे की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत नोटिस जारी किया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करना होगा, ताकि यह समझा जा सके कि दिव्यांगों के लिए जीएसटी छूट क्यों और कैसे समाप्त हुई.
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दिव्यांगजन सुविधा पर व्यापक बहस की उम्मीद
यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजन अधिकारों और उनकी आवश्यक सुविधाओं को लेकर व्यापक बहस का केंद्र बन सकता है. जीएसटी छूट बहाल होती है या नहीं, यह आगामी सुनवाई के बाद तय होगा. लेकिन, अदालत के हस्तक्षेप ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार को इस संवेदनशील मुद्दे पर ठोस स्पष्टीकरण देना होगा.
भाषा इनपुट के साथ
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