स्मॉल सेविंग्स करने वालों को लगा जोर का झटका, सरकार ने फिर नहीं बढ़ाई इंट्रेस्ट रेट
Savings Schemes Interest Rates: स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर बड़ा अपडेट है. सरकार ने पीपीएफ, एनएससी, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र और डाकघर बचत जैसी योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. अक्टूबर से दिसंबर 2025 तिमाही के लिए यह लगातार सातवीं बार है, जब दरें यथावत रखी गई हैं. निवेशकों को अब भी 7.1% से 8.2% तक का ब्याज मिलेगा.
Savings Schemes Interest Rates: सरकार ने एक बार फिर लघु बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही (1 अक्टूबर से 31 दिसंबर, 2025) के लिए सभी योजनाओं पर वही दरें लागू होंगी, जो पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) में थीं. यह लगातार 7वीं तिमाही है, जब ब्याज दरें यथावत रखी गई हैं.
सुकन्या समृद्धि और सावधि जमा की दरें
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर 8.2% ब्याज दर मिलेगी. वहीं, तीन साल की सावधि जमा (Fixed Deposit) की दर भी इस तिमाही में 7.1% पर बनी रहेगी. सरकार ने इन योजनाओं में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी या कटौती नहीं की है.
पीपीएफ और डाकघर बचत खाते की स्थिति
लोकप्रिय योजना पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की ब्याज दर 7.1% पर स्थिर रहेगी. इसके साथ ही डाकघर बचत जमा खातों (Post Office Savings Account) की दर भी 4% पर ही बनी रहेगी. यह फैसला लाखों छोटे निवेशकों के लिए राहत और निराशा दोनों माना जा रहा है, क्योंकि वे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे.
किसान विकास पत्र और एनएससी
किसान विकास पत्र (KVP) पर निवेशकों को 7.5% ब्याज मिलेगा और यह 115 महीनों में परिपक्व (Mature) होगा. वहीं राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) की ब्याज दर अक्टूबर-दिसंबर 2025 की अवधि के लिए 7.7% पर बरकरार रहेगी. इन योजनाओं को छोटे निवेशकों और ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे सुरक्षित विकल्पों में गिना जाता है.
मासिक आय योजना की दरें
मासिक आय योजना (MIS) में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. जुलाई-सितंबर की तरह ही, चालू तिमाही में निवेशकों को इस योजना पर 7.4% ब्याज मिलेगा. यह स्कीम उन निवेशकों के बीच लोकप्रिय है, जो हर महीने निश्चित आमदनी चाहते हैं.
लगातार सातवीं तिमाही बिना बदलाव
यह उल्लेखनीय है कि सरकार ने लगातार सातवीं तिमाही से ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है. पिछली बार दरों में संशोधन 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए किया गया था. लघु बचत योजनाओं की दरें मुख्य रूप से डाकघरों और बैंकों द्वारा संचालित होती हैं और यह नौकरीपेशा वर्ग, वरिष्ठ नागरिकों और मध्यम वर्गीय निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प होती हैं.
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निवेशकों को निराशा लगी हाथ
लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को स्थिर रखकर सरकार ने निवेशकों को सुरक्षित रिटर्न की गारंटी दी है, लेकिन बढ़ती महंगाई के बीच ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद करने वालों को निराशा हाथ लगी है. ऐसे में निवेशकों को अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में विविधता लाने पर विचार करना चाहिए.
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