प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम, डेढ़ महीने के लिए बढ़ाई आयात नियमों में ढील की तारीख

Onion Price : सरकार ने प्याज की कीमतों (Onion Price) पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. उसने गुरुवार को प्याज आयात के उदारीकृत नियमों (Liberalized rules of import) को अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है. प्याज की घरेलू आपूर्ति (Domestic Supply) बढ़ाने तथा इसकी खुदरा कीमतों (Retail Price) पर अंकुश के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 17, 2020 10:25 PM

Onion Price : सरकार ने प्याज की कीमतों (Onion Price) पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. उसने गुरुवार को प्याज आयात के उदारीकृत नियमों (Liberalized rules of import) को अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है. प्याज की घरेलू आपूर्ति (Domestic Supply) बढ़ाने तथा इसकी खुदरा कीमतों (Retail Price) पर अंकुश के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है.

प्याज के आयात के लिए सरकार ने 31 अक्टूबर को वनस्पति संगरोध आदेश (PQ) 2003 के तहत ध्रुमीकरण और पौधों से संबंधित यानी फाइटोसैनिटरी प्रमाणन पर अतिरिक्त घोषणा से छूट देते हुए 15 दिसंबर तक उदार व्यवस्था के तहत आयात की अनुमति दी थी. अब इस ढील को डेढ़ महीने बढ़ाकर 31 जनवरी तक कर दिया है.

कृषि मंत्रालय ने गुरुवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों को लेकर आम लोगों में चिंता है. इसके मद्देनजर प्याज आयात नियमों में दी गयी ढील को 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ाया जा रहा है. हालांकि, यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है. बयान में कहा गया है कि भारत में बिना ध्रुमीकरण के आयातित प्याज का धूमन आयातक को मान्यता प्राप्त प्रदाता से कराना होगा. क्वैरन्टाइन अधिकारी आयातित खेप की जांच करेंगे और इसके कीटनाशक मुक्त होने को लेकर संतुष्ट होने के बाद ही इसे जारी किया जाएगा.

मंत्रालय ने कहा कि शर्तों के तहत आयातकों से यह शपथपत्र भी लिया जाएगा कि आयातित प्याज सिर्फ उपभोग के लिए है और इसका संचरण नहीं किया जाएगा. उपभोग के लिए प्याज की खेप पर पीक्यू आदेश, 2003 के तहत आयात की शर्तों का अनुपालन नहीं करने पर चार गुना अतिरिक्त निरीक्षण शुल्क नहीं लगाया जाता है.

Also Read: सस्ता हुआ प्याज : रिटेल मार्केट में प्याज की कीमतों में गिरावट, होलसेल रेट में भी कमी, जानें क्या है भाव

Posted By : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version