कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए सरकार फिर खोल सकती है खजाना,पढ़ें नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने और क्या कहा

कोरोना की दूसरी लहर का जिक्र करते हुए उन्होंने अर्थव्यस्था की दृष्टि से भी टिप्पणी की है जिसमें उन्होंने कहा, उपभोक्ता और निवेशक धारणा को लेकर ‘अधिक अनिश्चितता’ के लिए तैयार रहने की जरूरत है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2021 1:24 PM

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने लोगों को सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा है, पहले की तुलना में इस बार परेशानी और बढ़ेगी. उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत होने पर सरकार राजकोषीय उपाय करेगी.

कोरोना की दूसरी लहर का जिक्र करते हुए उन्होंने अर्थव्यस्था की दृष्टि से भी टिप्पणी की है जिसमें उन्होंने कहा, उपभोक्ता और निवेशक धारणा को लेकर ‘अधिक अनिश्चितता’ के लिए तैयार रहने की जरूरत है.

Also Read: कब करायें कोरोना टेस्ट, किन बातों का रखें ध्यान, कैसे पता चलता है खतरा कितना बड़ा है ?

राजीव कुमार ने यह स्वीकार किया है कि कोरोना के पहले संक्रमण के दौर की तुलना में दूसरा दौर ज्यादा कठिन है. इस संक्रमण के बीच भी उन्होंने उम्मीद जतायी है कि 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 11 फीसदी की दर से बढ़ेगी.

उन्होंने इस संक्रमण का जिक्र करते हुए कहा, भारत इस महामारी को हराने के बेहद करीब था लेकिन कई देशों में संक्रमण ने पैर पसार लिये और नये तरीके से दोबारा फैल गया. ब्रिटेन और अन्य देशों से वायरस के नये प्रकार की वजह से परेशानी बढ़ी है.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कोरोना संक्रमण का सीधा असर सेवा जैसे कुछ क्षेत्रों पर पड़ेगा. इस दूसरी लहर में आर्थिक वातावतरण को लेकर भी अनिश्चितता पैदा होगी. जब उनसे पत्रकारों ने आर्थिक पैकेज पर नीति का जिक्र किया तो उन्होंने कहा, इसका जवाब तभी देना संभव होगा जब वित्त मंत्रालय कोविड की दूसरी लहर के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव का आकलन कर ले हालांकि उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार जरूर कोई राजकोषीय उपाय करेगी.

Also Read: National Pension Scheme: 70 साल की उम्र के लोग भी खोल सकेंगे पेंशन खाता, 75 साल तक चलाने की मिल सकती है छूट-

यह पहली बार नहीं है जब इस संक्रमण काल में सरकार से वित्तीय सहयोग की उम्मीद की जा रही है. साल 2020 में ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज की घोषणा की गयी थी. कुल मिलाकर यह पैकेज 27.1 लाख करोड़ रुपये का है जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 13 प्रतिशत से अधिक है.

Next Article

Exit mobile version