ICICI बैंक के चेयरमैन के. वी. कामथ ब्रिक्स बैंक के प्रमुख नियुक्त हुए

नयी दिल्ली :नयी दिल्ली : भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की एक प्रमुख हस्ती और निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन के वी कामत को ब्रिक्स देशों द्वारा स्थापित किए जा रहे 50 अरब डालर के नव विकास बैंक (एनडीबी) का आज प्रमुख नियुक्त किया गया. ब्रिक्स में पांच उभरते विकासशील देश ब्राजील, रुस, भारत, चीन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 11, 2015 1:15 PM
नयी दिल्ली :नयी दिल्ली : भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की एक प्रमुख हस्ती और निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन के वी कामत को ब्रिक्स देशों द्वारा स्थापित किए जा रहे 50 अरब डालर के नव विकास बैंक (एनडीबी) का आज प्रमुख नियुक्त किया गया. ब्रिक्स में पांच उभरते विकासशील देश ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
कुंदापुर वामन कामथ का जन्म 2 दिसम्बर 1947 को कर्णाटक के मंगलोर में हुआ था. कामथ भारत के सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई के नॉन-एग्जिक्यूटिव (गैर-कार्यकारी) अध्यक्ष हैं.
इसके अलावा कामथ इन्फोसिस लिमिटेड के भी चेयरमैन हैं. कामथ ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई करने के बाद आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजमेंट की डिग्री भी हासिल की है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामथ को बैंकिंग के बड़े जानकार के रूप में जाना जाता है.
वित्त सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि कामत का कार्यकाल पांच साल होगा. नव विकास बैंक (एनडीबी:)एक साल में अपना कारोबार शुरु कर सकता है. ब्रिक्स देशों ने पिछले साल नव विकास बैंक स्थापित करने पर समझौता किया था. इसका मुख्याल चीन के शांघाई शहर में होगा. समझौते के मुताबिक भारत को इस बैंक का पहला अध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार मिला था.
महर्षि ने कहा कि कामत को एनडीबी का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. ब्रिक्स देशों का सम्मिलित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 16,000 अरब डालर है और ये वैश्विक आबादी के 40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं. नव विकास बैंक 50 अरब डालर की शुरुआती चुकता पूंजी से की जा रही है. इसमें हर सदस्य का योगदान 10 अरब डालर है.
कामत आईसीआईसीआई में लगभग एक दशक तक काम करने के बाद 1988 में मनीला स्थित एशियाई विकास बैंक (एडीबी) चले गए थे. एडीबी में उनके दायरे में चीन, भारत, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और अन्य उभरते देशों से जुडी परियोजनाएं थीं.
ब्रिक्स विकास बैंक की स्थापना प्रक्रिया तेज करने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल कहा था कि भारत को 2014 के अंत तक इस वित्तीय संस्थान पर समझौते के अंगीकार होने की उम्मीद है और 2016 में इसके उद्घाटन का लक्ष्य रखा जाना चाहिए.
मोदी ने यह टिप्पणी ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रुसेफ, रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ पिछले साल नवंबर में ब्रिस्बेन (आस्ट्रेलिया) में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान हुई अनौपचारिक बैठक के दौरान की.
पांचो देशों के समूह के बीच गंभीर वार्ता के बाद हुए समझौते के तहत भारत के बाद ब्राजील और रुस को इस बैंक के लिए पांच-पांच साल की अध्यक्षता मिलेगी.

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