Mokama Vidhansabha Seat: ढ़ाई दशक बाद मोकामा के मैदान में दो बाहुबली, कौन किस पर पड़ेगा भारी
Mokama Vidhansabha Seat: बिहार विधानसभा चुनाव में मोकामा सीट पर बाहुबली नेता अनंत सिंह और सूरजभान सिंह के परिवार के बीच फिर से आमना-सामना तय माना जा रहा है. इस सीट पर भूमिहार vs भूमिहार का मुकाबला देखने को मिल सकता है. आइये जानते हैं दोनों बाहुबली का राजनितिक इतिहास कैसा रहा है.
Mokama Vidhansabha Seat: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार सबसे चर्चित मुकाबला मोकामा सीट पर देखने को मिल सकता है. यहां दो बाहुबली भूमिहार नेता सूरजभान सिंह और अनंत सिंह के बीच फिर से मुकाबला देखने को मिल सकता है. 2000 में सूरजभान ने अनंत के बड़े भाई दिलीप सिंह को हराकर पहली बार मोकामा से विधायक बने थे. अब चर्चा है कि सूरजभान की पत्नी और पूर्व सांसद वीणा देवी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं.
रविवार को परिवार समेत राजद में शामिल होंगे
सूत्रों के मुताबिक सूरजभान का परिवार शनिवार को लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की मौजूदगी में आरजेडी में शामिल होने वाला था, लेकिन कार्यक्रम अब रविवार को तय हुआ है. तेजस्वी यादव रविवार को सूरजभान, उनके भाई चंदन सिंह और पत्नी वीणा देवी समेत कई नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे.
मोकामा सीट पर रहा है अनंत सिंह को दबदबा
मोकामा से अनंत सिंह का दबदबा पिछले दो दशकों से कायम है. 2005 से लेकर अब तक वे लगातार पांच बार यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं. पहले तीन बार जदयू से, फिर निर्दलीय और 2020 में राजद के टिकट पर. सजा के कारण 2022 के उपचुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी नीलम देवी को मैदान में उतारा था, जिन्होंने आरजेडी के टिकट पर जीत हासिल की.
अनंत सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नीलम देवी को मुंगेर से कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन जेडीयू के ललन सिंह ने उन्हें करीब पौने दो लाख वोटों से हरा दिया. अब अनंत सिंह और ललन सिंह के संबंध पहले से बेहतर हो गए हैं.
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कई जिलों में फैला है सूरजभान सिंह का नेटवर्क
दादा के नाम से मशहूर सूरजभान सिंह का प्रभाव सिर्फ मोकामा तक सीमित नहीं है. वे 2004 में बलिया से लोजपा के सांसद बने थे. बाद में उनकी पत्नी वीणा देवी ने 2014 में मुंगेर और भाई चंदन सिंह ने 2019 में नवादा से लोजपा के टिकट पर जीत हासिल की. सूरजभान परिवार का राजनीतिक प्रभाव बिहार के बलिया, मुंगेर, नवादा, पटना और आसपास के क्षेत्रों में फैला हुआ है.
एक ओर अनंत सिंह की पारंपरिक पकड़ और जनाधार है तो दूसरी ओर सूरजभान सिंह का नेटवर्क. दोनों ही पक्षों की दावेदारी से यह मुकाबला बिहार की सबसे हाई-प्रोफाइल सीटों में से एक बन गया है.
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