सीट बंटवारे पर कांग्रेस और CPI-ML में घमासान, दीपांकर की दो टूक, कहा- लड़ो कम, जीतो ज्यादा
Mahagathbandhan Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस किसी भी सूरत में 70 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाह रही है. इस बार महागठबंधन में कई नए दल को शामिल किया गया है जिस वजह से सीट बंटवारे को लेकर कुछ भी साफ नही हुआ है. इसी बीच सीपीआई-एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कांग्रेस को नसीहत दी है.
Mahagathbandhan Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव मुहाने पर है. सभी दलों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है. बड़े-बड़े नेताओं का बिहार दौरा हो रहा है, लेकिन गठबंधन में सीट शेयरिंग पर सत्ताधारी हो या विपक्षी गठबंधन किसी में बात नहीं बन पाई है. एनडीए की सीट शेयरिंग पर गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में चर्चा हुई.
इस दौरान बीजेपी और जदयू के प्रदेश के कई बड़े नेता मौजूद रहे. इसी बीच महागठबंधन के सबसे बड़े वामपंथी दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी लेनिनिवादी के नेता कांग्रेस को नसीहत दे दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी औकात से ज्यादा सीट ना मांगे. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को ज्यादा सीट पर लड़ने से ज्यादा ज्यादा सीट जीतने पर ध्यान देना चाहिए.
दीपांकर ने कांग्रेस की मांग पर क्यों उठाये सवाल
राहुल गांधी की बिहार यात्रा के बाद से कांग्रेस के नेता उत्साहित हैं. उनका कहना है कि राहुल गांधी से आने से कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनना शुरू हो गया है. इसलिए पार्टी 70 सीटों पर तैयारी कर रही है. कांग्रेस की इस मांग पर दीपांकर भट्टाचार्य का बयान आया है.
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, “कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा लगभग 70 सीटों की मांग की खबरें मैंने देखी हैं. लेकिन पिछली बार वो 70 सीटों पर लड़े और जीत सिर्फ सीट 19 ही पाए. 2015 में कांग्रेस 40 सीट लड़ी और 27 जीती थी. वो अच्छा स्ट्राइक रेट था. लेकिन 2020 में वो 70 सीट लड़ी, जो उनकी औकात से ज्यादा थी. इसलिए मुझे लगता है कि इन सबके बीच संतुलन होना चाहिए.”
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कांग्रेस ने लालू-तेजस्वी को सीट बंटवारे पर क्या संदेश दिया
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महागठबंधन ने एनडीए को कड़ी टक्कर दी थी. राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. सिर्फ 12 सीटों का अंतर था. इस चुनाव में राजद और वामदल का स्ट्राइक रेट कांग्रेस के मुकाबले काफी बढ़िया था. कई मौकों पर राजद के नेताओं ने कहा है कि अगर कांग्रेस कम सीटों पर लड़ती तो तेजस्वी यादव सीएम होते.
उस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 70 में से सिर्फ 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सीपीआई-माले मात्र 19 सीट पर लड़ी और 12 जीत गई. राजद ने 144 में से 75 सीटों पर विपक्षी को हराया. कुल मिलाकर देखें तो कांग्रेस ने इस चुनाव में सबसे कमजोर प्रदर्शन किया था.
राजद के आरोपों पर कांग्रेस का कहना है कि यह बात सही है कि हमारी पार्टी को 70 सीटें दी गई थी. लेकिन इसमें एक सच्चाई यह भी है कि हमें वैसी सीटें ज्यादा दी गई जहां पिछले कई चुनाव से एनडीए को कभी हार नहीं मिली. इस वजह से हमारा स्ट्राइक रेट खराब रहा. इसलिए इस बार हम उन सीटों पर फोकस कर रहे हैं जहां हमारे जीतने की संभावना ज्यादा है.
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