12,000 ट्रेनों का दावा ‘सफेद झूठ’ निकला, राहुल-लालू ने सोशल मीडिया पोस्ट कर NDA को घेरा
Chhath Puja 2025: बिहार लौट रहे प्रवासियों के लिए छठ पूजा की तैयारियां मुश्किल भरी साबित हो रही हैं. पूजा स्पेशल ट्रेनें 12 से 36 घंटे लेट चलीं, जिससे यात्री परेशान हैं. लालू यादव और राहुल गांधी ने NDA सरकार पर झूठा प्रचार और बिहारवासियों की आस्था से विश्वासघात करने का आरोप लगाया है.
Chhath Puja 2025: लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा पर बिहार लौटने वाले प्रवासियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. एक तरफ पूजा स्पेशल ट्रेनें 12 से 36 घंटे तक की देरी से चल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ ट्रेनों की कमी को लेकर विपक्ष ने NDA सरकार पर ‘झूठा प्रचार’ करने और बिहारियों की आस्था से विश्वासघात करने का बड़ा आरोप लगाया है.
12,000 ट्रेनें या ‘महा-जुमला’? विपक्ष ने दागे सवाल
कांग्रेस और राजद ने छठ पर ट्रेन व्यवस्था को ‘नाकाफी’ बताते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोशल मीडिया एक्स पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने शेखी बघारते हुए कहा था कि देश की कुल 13,198 ट्रेनों में से 12,000 रेलगाड़ियां छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जायेंगी. यह भी सफेद झूठ निकला.
20 सालों की NDA सरकार में पलायन का दंश झेल रहे बिहारियों के लिए लोक आस्था के महापर्व छठ पर भी ये लोग रेलगाड़ियां ढंग से नहीं चलवा सकते. मेरे बिहारवासियों को अमानवीय तरीके से ट्रेनों में सफर करना पड़ रहा है. कितना शर्मनाक है? डबल इंजन सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रतिवर्ष बिहार के 4 करोड़ से अधिक लोग काम के लिए अन्य राज्यों में पलायन करते है. UPA सरकार के बाद से NDA सरकार ने बिहार में कोई बड़ा उद्योग नहीं लगाया। ये लोग बिहार विरोधी है.’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी छठ पूजा पर ट्रेन में हो रही असुविधाओं को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट लिखा है। उन्होंने लिखा कि ‘बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ़ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है. मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन, लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है. बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफ़र अमानवीय हो गया है. कई ट्रेनों में क्षमता से 200% तक यात्री सवार हैं लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं. फेल डबल इंजन सरकार के दावे खोखले हैं. कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं.
क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोज़गार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता. ये सिर्फ़ मजबूर यात्री नहीं, NDA की धोखेबाज़ नीतियों और नियत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं.’
शनिवार को पटना जंक्शन पर महानगरों से लौटने वालों भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे स्टेशन पर ‘मेले जैसा नजारा’ देखने को मिला. यात्रियों की भारी भीड़ के कारण बांकीपुर और बैरिया बस स्टैंड पर भी अफरातफरी मची रही. खासकर उत्तर बिहार जाने वाली बसें ठसाठस भरी रहीं और यात्रियों को सीटों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा.
घंटों देरी से चल रही हैं पूजा स्पेशल ट्रेनें (Chhath Puja 2025)
- 36 घंटे लेट: मुंबई से रक्सौल आने वाली रक्सौल पूजा स्पेशल ट्रेन 36 घंटे से अधिक लेट रही.
- 29 घंटे लेट: अगरतला-मुंबई एलटीटी एसी सुपरफास्ट (वाया पटना) 29 घंटे से अधिक विलंब रही.
- 16 घंटे लेट: सहरसा-मुंबई एलटीटी पूजा स्पेशल ट्रेन 16 घंटे देरी से चली.
- 12 घंटे लेट: लुधियाना-सुपौल जनसाधारण छठ पूजा स्पेशल 12 घंटे लेट रही.
- 10 घंटे लेट: आनंद विहार से भागलपुर जाने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस 10 घंटे विलंब से चली.
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