Coronavirus पीड़ितों की पहचान करनेवाली इस मशीन के बारे में कितना जानते हैं आप?

how infrared thermometer detects coronavirus infected patients: कोरोना वायरस के साथ इस जंग में एक हथियार बेहद असरदार साबित हो रहा है और उसका नाम है थर्मोमीटर गन. इस खास गन से सार्वजनिक स्थलों पर कोरोना वायरस से पीड़ितों की जांच की जा रही है. आइए जानें कि क्या है यह गन और कैसे करती है काम-

By Rajeev Kumar | March 25, 2020 3:02 PM

Use of Infrared Thermometer detects Coronavirus infected patients: दुनिया के लगभग 190 देश इस समय कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) से जूझ रहे हैं. लाखों लोग इस जानलेवा महामारी (coronavirus pandemic) की चपेट में आ चुके हैं और हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. सभी देश अपने उपलब्ध संसाधनों और अपने-अपने तरीके कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की कोशिश कर रहे हैं.

कोरोना वायरस के साथ इस जंग में एक हथियार बेहद असरदार साबित हो रहा है और उसका नाम है थर्मोमीटर गन. इस खास गन से सार्वजनिक स्थलों पर कोरोना वायरस से पीड़ितों की जांच की जा रही है. आइए जानें कि क्या है यह गन और कैसे करती है काम-

थर्मोमीटर गन का इस्तेमाल आजकल होटल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मॉल, आ​फिस तक में हो रहा है. थर्मोमीटर गन का इस्तेमाल किसी व्यक्ति के शरीर के तापमान को मापने के लिए होता है. आमतौर पर इसके लिए थर्मोमीटर का इस्तेमाल होता है, लेकिन यह सार्वजनिक जगहों पर बड़े स्तर पर लोगों के शरीर के तापमान का पता लगाने के लिए के लिए उतना कारगर नहीं है जितना थर्मोमीटर गन होता है.

थर्मोमीटर गन इंफ्रारेड लाइट के जरिये काम करता है इसीलिए इसे इंफ्रारेड थर्मोमीटर भी कहते हैं. यह शरीर के तापमान के बारे में बताता है. खास बात यह है कि थर्मोमीटर गन से करीब एक फीट की दूरी से भी किसी के शरीर के तापमान का सटीक पता लगाया जा सकता है.

हालिया वर्षों में वायरल के प्रकोप को रोकने की दिशा में यह देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है. यह व्यापक रूप से साल 2000 में सामने आया. चीन में सार्स के प्रसार को धीमा करने और एक दशक बाद पश्चिम अफ्रीका में इबोला के प्रकोप को रोकने के लिए व्यापक रूप से इसका इस्तेमाल किया गया.

हालांकि इसकी भी कुछ सीमाएं हैं. बता दें कि थर्मोमीटर गन कोरोना पीड़ितों की पुष्टि नहीं करता है, बल्कि संभावित मरीजों के बारे में बताता है. थर्मोमीटर गन के साथ एक समस्या यह है कि कई बार यह उन लोगों को भी बीमार बता देता है जिन्हें बुखार है ही नहीं.

मान लीजिए कि आप दौड़कर आ रहे हैं या फिर धूप से आ रहे हैं तो जाहिर है कि उस समय आपके शरीर का तापमान ज्यादा होगा और अगर उसी वक्त थर्मोमीटर गन से आपकी जांच होती है तो यह आपके शरीर का तापमान अधिक ही आयेगा. ऐसे में यह डिवाइस आपको बीमार घोषित कर देगी.

आपके शरीर का तापमान यह नहीं बताता है कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. इंसान को बुखार तब आता है जब शरीर को यह अहसास होता है कि कोई घुसपैठिया आया है. इसके बाद इम्‍यून सिस्‍टम कुछ केमिकल छोड़ता है और इससे गर्मी बढ़ती है. हालांकि अगर किसी ने दवा खायी है, तो उसके शरीर का तापमान कम हो जाएगा. ऐसे मरीजों की पहचान थर्मोमीटर गन से नहीं हो पाएगी.

ऐसे में इस उपकरण की क्षमता को लेकर संदेह उठने शुरू हो गए हैं. शक्तिशाली सेंसर तकनीक के बावजूद चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि सेंसर युक्त यह थर्मोमीटर अप्रभावी रक्षा तंत्र साबित हुआ है.

इन कमियों के बावजूद भी इस थर्मोमीटर गन का इस्‍तेमाल पूरी दुनिया में किया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बेहद कम समय में इतनी बड़ी तादाद में लोगों की जांच का और कोई आसान तरीका है भी नहीं. हर ​किसी की थर्मामीटर या शारीरिक जांच संभव नहीं है, इसीलिए कई बार सही आंकड़े नहीं देने के बाद भी थर्मोमीटर गन का ही इस्‍तेमाल किया जा रहा है.

इस बीच आपको बता दें कि भारत सरकार भी कोरोना को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है. 24 मार्च 2020, दिन मंगलवार रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद पूरे देश को अगले 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है.

कोरोना वायरस संक्रमण के शिकार लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेशन और क्वारंटाइन में रखकर उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है. लोगों से अपील की जा रही है कि वे घर पर ही रहें और इस खतरनाक वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करें.

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