मुजफ्फरपुर : शहर के कंपनीबाग स्थित प्रधान डाकघर में मंगलवार को नोटबंदी के बाद बदले गये नोटों की जांच करने विजिलेंस की टीम पहुंची. जांच के दौरान दो दिनों के अंदर करीब 40 लाख रुपये के लेन-देन का मामला सामने आया है. इसके बाद विजिलेंस की टीम कागजात को अपने कब्जे में लेकर फॉरेंसिक लैब भेजने की तैयारी में जुट गयी है. इससे कर्मचारियों में हड़कंप है.
टीम दोपहर करीब 12 बजे डाकघर पहुंची. चार घंटे तक एएसपी विजिलेंस आरके प्रसाद व एडी विजिलेंस आरके राय ने रिकॉर्ड और नोटबंदी के दौरान दिये गये पहचान पत्र की जांच की. हालांकि, टीम के सदस्यों ने कुछ भी बोलने से इनकार कर किया. आरोप है कि कर्मियों ने कमीशन लेकर नोट बदले थे.
जांच के दौरान टीम के सदस्य डाक सहायक दीनानाथ से उलझ गये. दोनों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गयी. हंगामा होता देख अन्य कर्मी भी पहुंच गये. इस बीच टीम बाहर निकल गयी. डाक सहायक ने एएसपी आरके प्रसाद पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है.
पीएमओ से की गयी थी शिकायत
नौ व दस नवंबर को प्रधान डाकघर में देर रात तक अधिकारी व कर्मचारियों ने व्यापारियों के नोट कमीशन पर बदले थे. इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता परमानंद ठाकुर ने पीएमओ को पत्र लिख कर शिकायत की थी. जिसके बाद ट्रेजरी में जांच की गयी. लेकिन उस वक्त जो जांच टीम आयी थी, उसके सामने उस आदमी से जांच करायी गयी, जो ट्रेजरी में उस वक्त नहीं था. दूसरी बार शिकायत के बाद मंगलवार को विजिलेंस की टीम जांच करने पहुंची थी.
एक-दूसरे काे देखलेने की दी धमकी
शाम के साढ़े तीन बजे के करीब विजिलेंस की टीम ट्रेजरी के समीप बैठ कर फाइलों की जांच कर रही थी. इसी बीच डाक सहायक दीनानाथ पहुंचे. उन्होंने विजिलेंस टीम से और कोई फाइल चाहिए, की बात पूछी. इस बात पर विजिलेंस एएसपी आर के प्रसाद ने दीनानाथ को कहा कि यहां आपकी राजनीति नहीं चलेगी. इसी बात को लेकर एएसपी उलझ गये. करीब दस मिनट तक नोकझोंक चलने के बाद एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी.