ट्रेनों में नहीं मिल रहा आरक्षण
मिथिला में दो अवसर ऐसे होते हैं जिसमें बाहर रहनेवाले अधिकांश लोग अपने घर आते हैं. इसमें एक होली तो दूसरा छठ है. कोई पढ़ाई के लिए बाहर है तो कोई रोजी-रोटी के लिए. इस क्षेत्र की आर्थिक व आवागमन के साधन की स्थिति के नजरिये से रेलवे ही एकमात्र साधन है. सामान्य दिनों में जब आरक्षण की मारामारी रहती है तो त्योहार के मौके पर इस भीड़ का सहज अनुमान लगाया जा सकता है. लंबी दूरी की ट्रेनों में आरक्षण की कौन कहे, महत्वपूर्ण गाडि़यों में तो वेटिंग टिकट भी नहीं मिल रहा.
दरभंगा : अमित वर्मा का चेहरा उतरा हुआ है. वे निराश दिख रहे हैं. कारण इस बार उनका पोता होली पर भी नहीं आ सकेगा. आज ही बेटे के मोबाइल से नन्हा बंटी ने फोन किया था. कहा- दादाजी पापा बता रहे हैं टिकट नहीं मिल रहा है. हम सभी नहीं आ सकेंगे. इसी सूचना ने बेटे-पोते के आने के इंतजार में महीनों से दिन गिन रहे अमित वर्मा को निराश कर दिया है. यह निराशा सिर्फ एक अमित वर्मा की नहीं है, हजारों ऐसे लोग निराश दिख रहे हैं.
कारण उनके परिजन बाहर रहते हैं. होली पर उनको आना था लेकिन ट्रेनों में टिकट नहीं मिलने के कारण लगता है वे सभी नहीं आ पायेंगे. यह समस्या कोई इस साल खड़ी हो गयी है, ऐसी बात नहीं है. प्रतिवर्ष त्योहार के मौके पर यात्रियों के भीड़ में अप्रत्याशित वृद्धि होती है. रेलवे भी यह जानता है. लेकिन समय रहते मुकम्मल व्यवस्था नहीं कर पाता.
विशेष ट्रेन का झुनझुना
रेलवे ने विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की है. इसके तहत दिल्ली, टाटा तथा कोलकाता के लिए एक-एक ट्रेन दी गयी है. इसमें टाटा स्पेशल तो बिना काम का है. हां, इस गाड़ी से होली से पूर्व लोग अपने गांव आ सकते हैं. 22 मार्च को यह टाटा से दरभंगा के लिए चलेगी. वहीं 23 को वापस टाटा लौट जायेगी. दिल्ली के लिए सुविधा स्पेशल दी गयी है. यह दरभंगा से 19, 23, 26 व 30 मार्च को चलेगी. जबकि दिल्ली से इसका परिचालन 18, 22, 25 व 29 मार्च को होगा. हावड़ा से रक्सौल के लिए मिली स्पेशल ट्रेन का लाभ भी इस क्षेत्र के लोग उठा सकते हैं.
22 मार्च को यह हावड़ा से खुलेगी, वहीं 25 मार्च को वापस हावड़ा के लिए रवाना होगी.
आवक गाडि़यों में आरक्षण स्थिति