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नये सॉफ्टवेयर से रुकेगी तत्काल टिकट में सेंधमारी

दरभंगा : आधुनिक सॉफ्टवेयर के सहारे सेंधमारी कर तत्काल टिकट का धंधा करनेवालों पर नकेल कसने में रेल प्रशासन जुट गया है. इसके लिए नयी तकनीकी विकसित की जा रही है. विदेश से नये सर्वर मंगवाये जा रहे हैं. साथ ही सेंधमारी पर नकेल कसने के लिए कई नयी व्यवस्था बहाल की जा रही है. […]

दरभंगा : आधुनिक सॉफ्टवेयर के सहारे सेंधमारी कर तत्काल टिकट का धंधा करनेवालों पर नकेल कसने में रेल प्रशासन जुट गया है. इसके लिए नयी तकनीकी विकसित की जा रही है. विदेश से नये सर्वर मंगवाये जा रहे हैं. साथ ही सेंधमारी पर नकेल कसने के लिए कई नयी व्यवस्था बहाल की जा रही है.

बैंक व आइआरसीटीसी को भी इसमें इस नजरिये से जोड़ा जा रहा है. आनेवाले महीनों में यह व्यवस्था धरातल पर उतर आयेगी. इससे आम यात्रियों को तत्काल टिकट लेने में मदद मिलेगी. वहीं टिकट बिचौलिया पर लगाम लग सकेगा.

ऐसे होती है सेंधमारी
अंतिम समय में यात्रा के लिए मजबूर रेल यात्रियों को आरक्षण उपलब्ध कराने के नजरिये से रेलवे ने तत्काल टिकट की सुविधा दे रखी है. यात्रा तिथि से एक दिन पूर्व टिकट जारी होता है. जबसे यह व्यवस्था चालू हुयी तभी से इसमें बिचौलिया हावी होते चले गये.
रेल प्रशासन समय-समय पर इसे रोकने के लिए कदम उठाती गयी. बिचौलिया नया रास्ता ढूंढ़ते चले गये. जब सफर करनेवालों की आइडी अनिवार्य कर दी गयी तथा काउंटर पर बिचौलिया के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी तो धंधेबाजों ने सॉफ्टवेयर में ही सेंध लगा दिया. कारोबारियों के अनुसार इसके लिए सॉफ्टवेयर कंपनी अपना सॉफ्टवेयर देती है. आरक्षण का लिंक आने से पहले ही उसका फार्मेट मिल जाता है.
पूरा कॉलम भर लिया जाता है. पैसा भी कंपनी ले लेती है. लिंक आते ही एक कैपचा आता है. इसे भरने के साथ ही टिकट बुक हो जाता है. तात्पर्य जबतक सामान्यजन अपने कंप्यूटर पर फार्मेट खोलते हैं, तबतक इनके टिकट बुक हो जाते हैं. वो भी एक साथ तीन-तीन सेट. काफी कोशिश के बावजूद रेलवे इन्हें नहीं पकड़ सकी.
बाहर से मंगवाये जा रहे सॉफ्टवेयर
विभागीय सूत्र के मुताबिक रेलवे बोर्ड इस योजना पर गंभीरता से काम कर रहा है. कैलिफोर्निया से नया सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर मंगवाया जा रहा है. इसकी संख्या पांच बतायी जा रही है. वहीं नेट बैंकिंग को लेकर बैंक तथा आइआरसीटीसी दोनों को इसके लिए नयी तकनीकी की व्यवस्था के लिए कहा गया है. आधुनिक तकनीक से लैश होने के बाद आनेवाले दीपावली तक इस व्यवस्था के बहाल होने के आसार हैं.
बढ़ जायेगी टिकट बुकिंग की गति
नये सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर चालू होने के बाद टिकट बुकिंग की गति काफी तेज हो जायेगी. आइआरसीटीसी सूत्र के मुताबिक पहले एक मिनट में 7200 टिकट बुक होते थे. नयी व्यवस्था में इतनी ही अवधि में 15 हजार टिकट बुक हो सकते हैं. सरबर की क्षमता बढ़ने से 1 लाख 20 हजार यूजर की जगह एक साथ 3 लाख यूजर लॉग इन कर सकते हैं. इसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा.
एक अवधि में दो टिकट ही कर सकते हैं बुक
नयी व्यवस्था के तहत तत्काल की अवधि में एक यूजर एक आइडी से अधिकतम दो तत्काल टिकट ही बुक कर सकते हैं. वहीं एक यूजर आइडी पर एक महीना में अधिकतम दस टिकट ही बुक हो सकता है. एक लॉग इन सेशन में मात्र एक तत्काल टिकट ही बुक होगा. नेट बैंकिंग में इसके लिए वन टाइम सिस्टम लागू हो रहा है. इसके अलावा बिचौलिया व हैकर पर लगाम लगाने के लिए ई-टिकट वालों को बुकिंग टाइम आरंभ होने के 35 सेकेंड के अंतराल के बाद ही टिकट बुकिंग को हरी झंडी मिलेगी. इस अवधि से पूर्व वे टिकट बुक नहीं कर सकते.
इंट्री पर रहेगी नजर
इन बदलावों के बाद रेलवे ने यूजर्स की इंट्री पर भी नजर रखने की व्यवस्था की है. आइआरसीटीसी में इसके लिए प्रबंध रहेंगे. इस कारण एक ही मोबाइल से कई खातों का संचालन नहीं किया जा सकेगा. साथ ही एक ईमेल का इस्तेमाल कर कई टिकट बुक कराना संभव नहीं हो सकेगा. इसका सीधा लाभ सामान्य यात्रियों को मिलेगा.

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