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फिर आया आपके लिए स्वर्ण बांड खरीदने का सुनहरा मौका, जानिए क्या हैं फायदे

नयी दिल्ली: भले ही पहले दौर में सरकार की स्वर्ण मौद्रीकरण योजना विफल हो गयी हो, लेकिन सरकार ने अभी अपनी उम्मीदें नहीं छोड़ी है. सरकारलोगों को सोने के बदले स्वर्ण बांड करने के लिए प्रेरित कर रहा है, जो देश व आम आदमी दोनों के लिए फायदेमंद है. अब सरकार 18 जनवरी से 22 […]

नयी दिल्ली: भले ही पहले दौर में सरकार की स्वर्ण मौद्रीकरण योजना विफल हो गयी हो, लेकिन सरकार ने अभी अपनी उम्मीदें नहीं छोड़ी है. सरकारलोगों को सोने के बदले स्वर्ण बांड करने के लिए प्रेरित कर रहा है, जो देश व आम आदमी दोनों के लिए फायदेमंद है. अब सरकार 18 जनवरी से 22 जनवरी तक पांच दिन के लिए फिर स्वर्ण बांड योजना का दूसरा चरण आरंभ करेगी. ऐसे में अगर आपको स्वर्ण बांडखरीदना है तो आप खरीद लें.

सोने की हाजिर मांग में कमी लाने के मकसद से सरकार स्वर्ण बांड योजना का दूसरा चरण 18 जनवरी को शुरू करने जा रही है. यह योजना अभिदान के लिए अगले सप्ताह पांच दिन तक खुली रहेगी. वहीं स्वर्ण मौद्रिकरण योजना से सरकार के पास अभी तक घरों और मंदिरों में निष्क्रियपड़ा 500 किलोग्राम सोना आया है. वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि स्वर्ण बांड योजना 18-22 जनवरी तक खुली रहेगी.

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पहले चरण की स्वर्ण बांड योजना नवंबर में शुरू की गई थी. इस दौरान सरकार ने 915.95 किलोग्राम सोने पर आधारित 246 करोड़रुपये मूल्य के स्वर्ण बांड की बिक्री की. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों से कहा है कि वे सावरेन गोल्ड बांड योजना के दूसरे चरण में संभावित निवेशकों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने को अपना पूरा प्रयास करें.बैंकों के प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जेटली ने दूसरे चरण की योजना को लेकर उनकी तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि ‘‘सरकार आगामी चरणों में भी इस योजना का विस्तार करने की इच्छुक है.’
पांचग्रामसेलेकर100ग्रामतककेसोनेकाबांडखरीदसकतेहैं
स्वर्ण बांड 5 ग्राम, 10 ग्राम, 50 ग्राम और 100 ग्राम सोने के आधार पर जारी किए जाते हैं. इनकी परिपक्वता अवधि पांच से सात साल की है. इसमें ब्याज दर की गणना निवेश के समय धातु के मूल्य के हिसाब से की जाती है. स्वर्ण बांड योजना में कोई भी व्यक्ति सालाना 500 ग्राम तक निवेश कर सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 नवंबर को इस योजना का शुभारंभ किया था.वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बैंकों ने आश्वासन दिया है कि वे अपने संभावित निवेशकों को सूचित करने के लिए अपने शाखा नेटवर्क को सक्रिय करने का भरसक प्रयास करेंगे.

सरकार जागरूकता भी लायेगी
इसमें कहा गया है कि जमाकर्ताओं के बीच जागरूकता बढाने के लिए सरकार आकाशवाणी, एफएम रेडियो, प्रिंट मीडिया तथा मोबाइल एसएमएस के जरिये अपना मीडिया अभियान जारी रखेगी. स्वर्ण मौद्रिकरण योजना के बारे में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने ट्विट किया कि इस योजना के तहत पहले से 500 किलोग्राम से अधिक सोना जुटाया जा चुका हैं यह योजना रफ्तार पकड रही है. उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार स्वर्ण बांड और स्वर्ण मौद्रिकरण योजना दोनों को ही सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.’
स्वर्ण मौद्रीकरण योजना ने शुरुआत में धीमी रफ्तार पकडी, लेकिन बाद में इसे और आकर्षक एवं सुविधाजनक बनाने के लिए दुरस्त किया गया.पांच नवंबर को शुरू स्वर्ण मौद्रिकरण योजना के तहत बैंकों को 15 साल तक के लिए सोने का संग्रह कर इसकी नीलामी करने या समय समय पर आभूषण निर्माताओं को उधार देने के लिए अधिकृत किया गया. जमाकर्ताओं को सालाना ढाई प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा जोकि बचत बैंक जमाओं से भी कम है.
वहीं स्वर्ण बांड स्कीम के मामले में निवेशकों को पांच ग्राम, 10 ग्राम, 50 ग्राम और 100 ग्राम के गुणकों में पांच से सात साल के लिए बांड खरीदने का विकल्प दिया जाता है जिसमें ब्याज दर की गणना निवेश के समय सोने के मूल्य पर की जाएगी.
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अधिसूचना जारी
आरबीआई ने 18 जनवरी को स्वर्ण बांड योजना की दूसरी किस्त शुरू करने की अधिसूचना आज जारी की. इसके मुताबिक, बांडों के लिए आवेदन बैंकों, डाकघरों, स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इंडिया द्वारा 18-22 जनवरी के बीच स्वीकार किए जाएंगे और बांडों का निर्गम 8 फरवरी, 2016 को किया जाएगा.
जेटली ने कहा, ‘‘ यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर है.’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच नवंबर को ये स्वर्ण योजनाएं शुरू की थीं. भारत हर साल करीब 1,000 टन सोने का आयात करता है और आयात बिल में तेल के बाद सोना दूसरा सबसे बडा घटक है.

गोल्ड बांड के क्या हैं फायदे

गोल्ड बांड खरीदने का लाभ यह है कि इसमें आपको आपके सोने के मूल्य के बराबर सरकार ब्याज भी देगी. यानी जैसे आप बैंक में पैसे पर ब्याज पाते हैं, उसी तरह यह भी आपको ब्याज दिलायेगा.

गोल्ड बांड के प्रबंधन के लिए सरकार आपसे कोई शुल्क नहीं लेगी. जबकि आप अगर गोल्ड म्युचुअल फंड खरीदते हैं, तो आपको उसका रख रखाव शुल्क देना होगा.

आप गोल्ड बांड को पैसे की आवश्यकता पड़ने पर महज तीन दिन के नोटिस पर भुना सकते हैं.

चूंकि गोल्ड बांड पांच ग्राम में भी उपलब्ध है, इसलिए आप 13 हजार रुपये से भी इसमें निवेश कर सकते हैं.

गोल्ड बांड खरीदने से आपको घर में रखे सोने की तरह उसकी सुरक्षा की चिंता नहीं होगी, दूसरी बात कि अगर आप लॉकर में सोना रखते हैं तो उसका शुल्क भी देना होता है, जबकि गोल्ड बांड रखने से आपको उल्टे सरकार ब्याज देगी.

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